लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर वाहनों की रफ्तार काबू में रखेगी ATMS डिवाइस, जानें कैसे करेगी काम

punjabkesari.in Wednesday, Oct 17, 2018 - 06:41 PM (IST)

आगरा: एक्सप्रेस-वे पर आए दिन होने वाले हादसों का कारण रफ्तार बन रही है। हाई स्पीड होने से चालक वाहन से नियंत्रण खो बैठते हैं और हादसे का शिकार हो जाते हैं। इन दुर्घटनाओं में अब तक न जाने कितने लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और परिवार बेसहारा हो गए हैं। अब जल्द ही एक्सप्रेस-वे पर दौड़ने वाले वाहनों की रफ्तार पर काबू किया जा सकेगा। लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर लगाई जा रही एटीएमएस डिवाइस (एडवांस ट्रैफिक मैनेजमैंट सिस्टम) अब वाहनों की गति को कंट्रोल में रखेगी। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर इसे लगाने का काम शुरू कर दिया गया है और अंडरग्राऊंड लाइन बिछाई जाने लगी है।

आगरा, लखनऊ और कन्नौज में होगा कंट्रोल रूम
एक्सप्रेस-वे पर यह डिवाइस टोल प्लाजा के आसपास व चुनिंदा स्थानों पर लगाई जा रही है। इसका कंट्रोल रूम आगरा, लखनऊ व कन्नौज के सौरिख में बनाए जाएंगे। जल्द ही काम पूरा होते ही डिवाइस काम करना शुरू कर देगी।

स्मार्ट फोन पर एप होगा इंस्टाल
टोल प्लाजा पर टैक्स जमा करने के साथ ही चालक के मोबाइल पर एक्सप्रेस-वे का एप स्मार्ट फोन पर प्ले स्टोर से इंस्टॉल कर दिया जाएगा। सभी टोल प्लाजा पर चालकों को एप से जोड़ने के बाद चलने दिया जाएगा। साधारण मोबाइल होने पर चालकों का मोबाइल नंबर दर्ज कर एप में डालकर जोड़ दिया जाएगा।

मोबाइल पर आएगा हाई स्पीड का संदेश
एक्सप्रेस-वे पर 100 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक रफ्तार होने पर चालक के मोबाइल पर संदेश मिलेगा और उसमें स्पीड को कंट्रोल करने की चेतावनी होगी। इसके बाद भी रफ्तार कम न करने पर वाहन का ई-चालान कर दिया जाएगा। चालान रसीद वाहन स्वामी के घर पर भेजी जाएगी।

स्मार्ट फोन न होने मिलेगा टेक्स्ट मैसेज व आएगी कॉल
जिन लोगों के पास स्मार्टफोन नहीं होंगे, उन्हें मोबाइल पर टेक्स्ट मैसेज भेजा जाएगा। इसके साथ ही कॉल करके भी चेताया जाएगा। इसके बाद भी चालक वाहन धीमा न करने पर हाईवे के सुरक्षा कर्मी पीछा कर वाहन को रोकेंगे ताकि कोई हादसा न हो।

अनदेखी पर घर पहुंचेगा चालान
मुख्य सुरक्षा अधिकारी यूपीडा जय कुमार ने बताया कि एक्सप्रेस-वे पर हादसों पर नियंत्रण के लिए डिवाइस लगाने का काम चल रहा है। जल्द ही डिवाइस शुरू हो जाएगी। वाहन चालक के मोबाइल पर एक संदेश के बाद भी रफ्तार नियंत्रित न होने पर दूसरी डिवाइस को क्रास करते ही चालान हो जाएगा। सेंसर गाड़ी का नंबर ट्रेस करेंगे और ई-चालान रसीद गाड़ी मालिक के घर भेजी जाएगी। इसका सरकारी भुगतान भी गाड़ी मालिक को जमा करना होगा।


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