एक्यूरेसी पैराग्लाइडिंग कप पर Indian Army का रहा दबदबा, नायक आशीष बने विजेता

punjabkesari.in Wednesday, Oct 17, 2018 - 04:29 PM (IST)

बैजनाथ (कमल गुप्ता): कांगड़ा जिले में पैराग्लाइडिंग के लिए विश्व विख्यात बीड़ बिलिंग में 15 अक्टूबर से पहली बार शुरू हुए भारतीय सेना के एक्यूरेसी पैराग्लाइडिंग कप का बुधवार को समापन हुआ। इस प्रतियोगिता में पहले तीन स्थानों पर थल सेना के जवानों का दबदबा रहा। थल सेना के तीन जवान विजेता रहे। 3 दिन तक चली पहली इंटर सर्विसिस पैराग्लाइडिंग एक्यूरेसी कप प्रतियोगिता में भारतीय थल सेना के नायक आशीष ने 1179 अंक लेकर पहला स्थान हासिल किया। जबकि भारतीय थल सेना के जय ही ए कुप्पूस्वामी ने 1466 अंक लेकर दूसरे स्थान पर कब्जा जमाया। वहीं थल लेना के ही नायक सुनील ने 1567 अंक लेकर तीसरा स्थान अपने नाम किया। 
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जम्मू कश्मीर से आए आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रणवीर सिंह ने तीन विजेताओं को ट्राफी देकर सम्मानित किया। सोमवार को इस प्रतियोगिता का शुभारंभ दाह डिवीजन के जनरल आफिसर कमांडिग मेजर जनरल अनिल कुमार सामंत्रा ने किया था। इस प्रतियोगिता को दो भागों में बांटा गया है। पहले दिन प्रतियोगिता में 20 प्रतिभागियों ने भाग लिया। दूसरे दिन 24 पायलटों ने निर्धारित लक्ष्य के लिए उड़ान भरी। इस प्रतियोगिता में थल सेना, नौसेना, वायु सेना, बीएसएफ तथा असम राइफल के 24 पायलटों ने भाग लिया। भारतीय सेना के एक्यूरेसी पैराग्लाइडिंग कप के समापन पर पहुंचे लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने कहा कि सेना या सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर कोई राजनीतिक बयान से सेना को फर्क नहीं पड़ता। सेना अपना कार्य पूरी ईमानदारी से करती है। देश की रक्षा के लिए सेना हमेशा तैयार रहती है।
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उन्होंने कहा कि यदि देश में फिर से सर्जिकल स्ट्राइक की जरूरत पड़ेगी तो सेना उसे कभी भी करने में पूरी तरह से सक्षम है। उन्होंने कहा कि देश की रक्षा के लिए सेना किसी भी कार्रवाई से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहती है और इसमें सर्जिकल स्ट्राइक भी एक विकल्प है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में सेना भी लगातार अपने कार्य में बदलाव ला रही है। सर्दिर्यो में बर्फबारी के बीच सेना दुश्मन को किसी भी सूरत में कोई मौका नहीं देगी। इसके लिए जो भी जरूरी बदलाव होता है किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बीड़ बिलिंग में पहली बार भारतीय सेना एक्यूरेसी कप का आयोजन किया है। ऐसे आयोजन आगे भी किए जाते रहेंगे। 


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