दिल्ली को मिला नए फ्लाईओवर का तोहफा, अब 5 मिनट में तय करें एक घंटे का सफर

punjabkesari.in Wednesday, Oct 17, 2018 - 11:25 PM (IST)

नई दिल्ली (नवोदय टाइम्स):  वर्षों के इंतजार के बाद आखिरकार मंगलवार को दिल्ली का बहुचर्चित रानी झांसी फ्लाईओवर आज लोगों के लिए शुरू हो गया। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, डॉ. हर्षवर्धन, विजय गोयल, उपराज्यपाल अनिल बैजल समेत तमाम भाजपा नेताओं के उपस्थिति में फ्लाईओवर का उद्घाटन किया गया। इस फ्लाईओवर का निर्माण कार्य 2010 में हुए राष्ट्रमंडल खेलों के पहले पूरा हो जाना था, लेकिन कभी फंड की कमी तो कभी भूमि अधिग्रहण की अड़चनों के कारण इसके निर्माण में देरी होती रही। इन्हीं कारणों से फ्लाईओवर के निर्माण पर आने वाली लागत 70 करोड़ रुपए से बढ़कर 700 करोड़ रुपए तक पहुंच गई। तीस हजारी से शुरू होकर फिल्मिस्तान तक का 1.6 किलोमीटर का सफर इस फ्लाईओवर की सहायता से महज 5 मिनट में तय किया जा सकेगा। 

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लाखों वाहन रानी झांसी फ्लाईओवर पर भरेंगे फर्राटा
1.6 किलोमीटर लंबे इस फ्लाईओवर से रोजाना करीब 5 लाख राहगीरों को राहत मिलेगी। फ्लाईओवर के निर्माण की परियोजना में रेलवे, दिल्ली जल बोर्ड, यातायात पुलिस, निगम और अन्य स्थानीय निकायों की मदद की आवश्यकता थी। साथ ही, इस परियोजना को पूरा करने में कई दिक्कतें थीं, जिनमें निजी संपत्ति का अधिग्रहण, रेलवे और शहरी आश्रय सुधार बोर्ड के साथ जमीन की अदला-बदली, डीडीए मार्केट, एमसीडी स्कूल, तहबाजारी आदि को अन्य स्थान पर स्थानांतरित करना शामिल था। परियोजना के कार्यान्वयन के लिए निजी संपत्ति समेत करीब 27000 वर्ग मीटर अतिरिक्त भूमि की भी आवश्यकता थी।

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रानी झांसी फ्लाईओवर निर्माण में हुई है धांधली: आप
रानी झांसी फ्लाईओवर के निर्माण में करोड़ों रुपए के घोटाले को लेकर केंद्र सरकार सीबीआई जांच का ऐलान करे। यह बात आप प्रवक्ता व उत्तर पूर्वी दिल्ली के लोकसभा प्रभारी दिलीप पांडेय ने कही। उन्होंने कहा कि दिल्ली का सबसे देरी से बनने वाला रानी झांसी फ्लाईओवर आखिरकार बनकर तैयार तो हो गया, लेकिन बनते-बनते कई सवालों को जन्म दे गया। जिस पुल को 22 माह में बन जाना था, वह दस साल बाद बनकर तैयार हो सका है। इससे भाजपा शासित एमसीडी और मोदी सरकार के काम करने की प्रतिबद्धता का अंदाजा लगाया जा सकता है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि एक तरफ फ्लाईओवर निर्माण में इतना समय लगा है, दूसरी तरफ भाजपा मंत्री हरदीप सिंह पुरी बेशर्मी के साथ श्रेय लेने की होड़ में शामिल दिखे। जबकि वास्तव में रानी झांसी फ्लाईओवर के निर्माण में धांधली और भ्रष्टाचार का खेल खेला गया, जिससे करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस फ्लाईओवर के निर्माण पर 2008 में महज 70 करोड़ रुपए प्रस्तावित लागत थी। लेकिन निर्माण पर अब कुल खर्च 750-800 करोड़ बताया जा रहा है। जाहिर है कि निर्माण में जानबूझकर देरी की गई और कमीशन का खेल खेला गया। 

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Anil dev

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