भाजपा प्रत्याशियों द्वारा दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस ऑफ मोशन

punjabkesari.in Wednesday, Oct 17, 2018 - 02:47 PM (IST)

पठानकोट (शारदा): 19 सितम्बर, 2018 को पंजाब में हुए पंचायत समिति चुनावों, जिसमें जिला पठानकोट के अधीन आते हलका सुजानपुर की धार ब्लॉक के पंचायत समिति के 3 जोनों के चुनाव जो परिणाम घोषणा के समय विवादों में घिर गए थे, में अब नया मोड़ आ गया है। भाजपा से संबंधित एवं हारे घोषित तीनों प्रत्याशियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाईकोर्ट ने याचिकाकत्र्ताओं द्वारा दायर याचिका (नं.सी.डब्ल्यू.पी. नं.26696/2018) को सुना तथा माननीय न्यायाधीशों ने इस मामले में 8 रिस्पांडैंटों को नोटिस ऑफ मोशन जारी किया है। इसके लिए हाईकोर्ट ने अगली तारीख इसी महीने 23 अक्तूबर को रखी है। 

भाजपा से संबंधित याचिकाकर्ता शुभ लता (जोन नं.-3 दुनेरा) जोकि इस मामले में याचिकाकत्र्ता नं.-1 है, भूपिन्द्र सिंह (जोन नं.-5 भंगूड़ी) याचिकाकत्र्ता नं.-2 व संतोष कुमारी (जोन नं.-11 करोली) जोकि याचिकाकत्र्ता नं.-3 है, ने इस केस में अपने हकों की लड़ाई लड़ते हुए हाईकोर्ट में उपरोक्त केस के तहत दायर याचिका में पंजाब सरकार मार्फत सचिव-कम-मुख्य चुनाव आयुक्त पंजाब, चुनाव कमिश्नर पंजाब, जिला उपायुक्त पठानकोट, अतिरिक्त जिला उपायुक्त-कम-अतिरिक्त जिला चुनाव अधिकारी बलराज सिंह, रिटॄनग अधिकारी ब्लॉक धार के.सी. भगत, नरेश कुमार पत्नी जोध सिंह निवासी गांव लहरून, विनोद पठानिया पुत्र सोम सिंह निवासी गांव भंगूड़ी व ममता देवी पत्नी विजय कुमार निवासी गांव करोली सहित 8 को रिस्पांडैंट बनाया है।माननीय न्यायाधीशों ने सुनवाई के बाद नोटिस ऑफ मोशन जारी करते हुए कहा कि है कि रिस्पांडैंट नं.-3 (जिला उपायुक्त पठानकोट) इस मामले से संबंधित रिस्पांडैंट नं.-5 (रिटॄनग अधिकारी के.सी. भगत) को यह नोटिस सर्व करेंगे। 

क्या है मामला?
याचिकाकत्र्ताओं का दावा है कि मतगणना के दिन सायं उन सभी को चुनावी अमले द्वारा कहा गया कि वे समिति चुनाव जीत गए हैं तथा जीत का प्रमाण-पत्र दूसरे दिन सुबह दिया जाएगा। प्रत्येक राऊंड में मतगणना के बाद दोनों प्रतिद्वंद्वियों (हार-जीतने वाले) को हार-जीत (लीड) का अंतर भी बताया गया। जब मतगणना पूरी होने के बाद सभी राऊंड पूरे हुए तो तीनों याचिकाकत्र्ता वोटों की मिली लीड से विजयी पाए गए। 

याचिकाकर्ता नं.-1 शुभ लता का दावा है कि उसे 1,100 वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी नरेश कुमार को 909 वोट मिले। जीत के बाद रिटॄनग अधिकारी द्वारा उन्हें कोई भी ऐसी बात नहीं कही गई जो उनकी जीत को लेकर संशय के घेरे में लाती हो। 

याचिकाकर्ता नं.-2 भूपिन्द्र सिंह ने दावा किया कि उसे चुनाव में 902 वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस प्रत्याशी विनोद पठानिया को 818 वोट मिले। 
वहीं याचिकाकत्र्ता नं.-3 संतोष कुमारी ने भी दावा किया समिति चुनाव में उन्हें 883 वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस की ममता देवी को 791 वोट मिले। याचिकाकत्र्ताओं के अनुसार जब वे मतगणना के दूसरे दिन संबंधित रिटॄनग अधिकारी के कार्यालय अपनी जीत का प्रमाण-पत्र लेने पहुंचे तो अधिकारी कार्यालय में नहीं मिले। बाद में एक प्रैस नोट के माध्यम से उन्हें सूचना मिली कि वे तीनों समिति चुनाव हार गए हैं तथा उनके (याचिकाकत्र्ताओं) के प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के तीनों प्रत्याशी उपरोक्त जोनों में विजयी हुए हैं। 

याचिकाक त्र्ताओं ने क्या लगाई है गुहार?
दायर याचिका में याचिकाकत्र्ताओं ने अपने वकीलों के माध्यम से न्यायालय से गुहार लगाई है कि उन्हें सत्तासीन पार्टी कांग्रेस के दबाव में हराया गया है तथा इसी राजनीतिक दबाव के चलते हारे हुए कांग्रेसी प्रत्याशियों को जो जीत के प्रमाण-पत्र जारी किए गए हैं वे गैर संवैधानिक, मनमाने और सनकी तरीके से लोकतंत्र की हत्या करके जारी किए गए हैं जोकि प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के पूर्णतया विपरीत हैं। इसलिए उन्हें इंसाफ दिया जाए। 
 


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swetha

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