कालका-शिमला हैरिटेज ट्रैक पर दौड़ा 113 साल पुराना स्टीम इंजन (Video)

punjabkesari.in Wednesday, Oct 17, 2018 - 02:47 PM (IST)

शिमला (योगराज): वर्ल्ड हेरिटेज ट्रैक कालका-शिमला पर 113 साल पुराना स्टीम इंजन दौड़ा। बुधवार को भाप इंजन को शिमला रेलवे स्टेशन से हरी झंडी दिखाई गई। हसीन वादियों का विदेशी सैलानियों ने खूब लुत्फ उठाया। इस भाप इंजन ने शिमला से कैथलीघाट तक 22 किलोमीटर की दूरी तय की।
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विश्व धरोहर कालका-शिमला रेल मार्ग 100 साल से भी अधिक पुराना ट्रैक है। इस मार्ग को वर्ष 2008 में यूनेस्को ने तीसरी रेल लाइन के रूप में विश्व धरोहर में शामिल किया था। इस इंजन का वजन 41 टन का है। जिसकी क्षमता 80 टन खींचने की है।
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विदेशी मेहमानों ने उठाया सफर का लुत्फ
देवदार के हरे भरे पेड़ों के बीच चले इस इंजन ने दो बोगियां खींची। धुएं का गुब्बार छोड़ते हुए स्टीम इंजन के साथ-साथ विदेशी मेहमानों ने भी सफर का आनंद लिया। इंग्लैंड के पर्यटकों ने भाप इंजन पर सफर के दौरान अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि शिमला का मौसम दिल्ली के मुकावले काफी हरा भरा है। स्टेशन मास्टर प्रिंस सेठी ने कहा कि स्टीम इंजन के साथ 14-14 सीटों वाले दो कोच लगा कर स्टीम इंजन को शिमला रेलवे स्टेशन से रवाना किया गया है।
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आईआरसीटीसी की ओर से स्टीम इंजन की बुकिंग करवाई गई थी। जिसमें विदेशी सैलानियों के दल को शिमला से कैथलीघाट तक का सफर करवाया जाएगा। सैलानियों के लिए यह सफर काफी आकर्षक होगा। 
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उल्लेखनीय है कि शिमला-कालका रेल लाइन को यूनेस्कों की ओर से विश्व धरोहर का दर्जा दिया गया है। इसके अलावा हमारे देश में रेलवे और नीलगिरि रेलवे को भी विश्व धरोहर का दर्जा प्राप्त है। साल 1903 में बिछाई गई 96 किलोमीटर कालका-शिमला रेललाइन में 102 सुरंगें, 800 पुल और 18 रेलवे स्टेशन हैं। समुद्र तल से ट्रैक की ऊंचाई 2800 फीट से लेकर 7 हजार फीट है। 108 साल पुराना केसी 520 स्टीम लोकोमोटिव इंजन साल 1905 में अंग्रेजों ने शिमला से कैथलीघाट के बीच चलाया था। साल 2001 में दोबारा इसे तैयार किया गया और ट्रैक पर चलाया गया।  
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Ekta

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