बच्चे के छूने से जागी कौमा में गई महिला, डाक्टरों को भी नहीं हो पा रहा यकीन

punjabkesari.in Wednesday, Oct 17, 2018 - 02:12 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: मां अपने बच्चों के लिए हर परेशाना झेल जाती है। मां और बच्चे का रिश्ता ही एेसा होता है कि दोनों एक दूसरे की ढाल बनकर एक दूसरे को संभालते है। एेसा ही एक मामले के बारे में हम आपको बताने जा रहे है  है। अमांडा द सिल्वा (28) नाम की महिला की अपनी पति से बहस हुई जिस दौरान उसकी तबीयत बिगड़ गई और वह कौमा में चली गई जिस समय वह कौमा में गई वह प्रेग्नेंट थी। सीजेरियन ऑपरेशन के बाद जैसे ही अमांडा को उसके बच्चे ने छुआ तो वह एक दम होश में आ गई।
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छाती पर रखते ही आया होश
विक्टर के जन्म के दो हफ्ते बीत जाने पर भी अमांडा कोमा में थी। वह न तो चल पा रही थी और न ही किसी से कुछ बोल पाने की स्थिति में थी। एक नर्स ने सुझाव दिया कि बेटे को अमांडा की छाती पर रख दिया जाए। जैसे ही ऐसा किया गया, अमांडा की दिल की धड़कनें बढ़ गईं। उसने बच्चे को हाथों से छुआ और रो पड़ी। करीब 23 दिन बाद अमांडा की स्थिति में सुधार होना शुरू हुआ और वह घर जा पाई।
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होश में आते ही पूछा, क्या ये मेरा बच्चा 
नर्स फेबियोला का कहना है कि बच्चे को छाती पर रखते अमांडा के शरीर में चेतना कैसे आ गई, इस बात को कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। लेकिन जो हुआ, उससे यह तो कहा जा सकता है कि मां और बच्चे का आपस में स्पर्श काफी अहमियत रखता है। अमांडा के मुताबिक- मेरे बेटे का जन्म कैसे हुआ, मुझे इस बारे में कुछ नहीं पता। लेकिन जब उसे मेरी छाती पर रखा गया, मुझे उसकी खुशबू आई। यह सब चमत्कारिक था। अमांडा ने यह भी बताया कि मैं कोमा से तुरंत बाहर ही आई थी। थोड़ी पसोपेश में भी थी। मैंने अपने पिता से पूछा कि क्या यह बच्चा मेरा है? मैंने पेट पर हाथ रखा। मुझे महसूस हुआ कि मेरी डिलिवरी हो चुकी है।
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Isha

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