MeToo: 78 फीसदी मामलों में शिकायत ही नहीं होती

punjabkesari.in Wednesday, Oct 17, 2018 - 12:40 PM (IST)

बेंगलुरु (विशेष):  पूरे देश में जैसे-जैसे मी-टू अभियान जोर पकड़ रहा है, एक-एक कर महिलाएं सामने आ रही हैं और अपने साथ हुई यौन उत्पीड़न की घटनाओं को सामने रख रही हैं। इनमें सिनेमा, मीडिया, लेखन, राजनीति सहित तमाम क्षेत्रों से जुड़ी रही महिलाएं अपने अनुभव साझा कर रही हैं। जो घटनाएं अभी तक सामने आई हैं, वे तो सिर्फ एक छोटा-सा हिस्सा भर हैं, लेकिन इन्होंने महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे खासकर यौन उत्पीड़न के मामलों को एक बार फिर से केंद्र में ला दिया है। हाल ही में कराए गए एक सर्वेक्षण में 78 फीसदी महिलाओं ने बताया कि उनके साथ या किसी परिचित के साथ हुई यौन उत्पीड़न की घटना के मामले में ऑफिशियल शिकायत ही नहीं की गई। केवल 22 फीसदी मामलों में ही महिलाओं ने एचआर अथवा उच्च अधिकारियों के सामने शिकायत की। 

19 फीसदी घटनाएं ऑफिस टाइम के बाद में हुईं
सर्वे में शामिल 32 फीसदी महिलाओं ने स्वीकार किया कि उनके साथ अथवा उनके परिवार के किसी सदस्य के साथ कार्यस्थल पर यौन दुर्व्यवहार की घटना हुई है। 45 फीसदी महिलाओं ने खुद अथवा किसी जानकार के साथ ऐसी घटना नहीं होने की बात कही। 23 फीसदी महिलाओं ने इस मामले में अनभिज्ञता जताई। यौन उत्पीड़न की जानकारी देने वाली पचास फीसदी महिलाओं ने बताया कि ऐसी घटना ऑफिस टाइम में दफ्तरों के अंदर ही घटी थी, जबकि 19 फीसदी घटनाएं ऑफिस टाइम के बाद में हुईं। 31 फीसदी महिलाओं ने बताया कि यौन उत्पीड़न की घटनाएं उस समय हुईं, जब कोई पार्टी या फंक्शन किसी निजी स्थान पर आयोजित किया गया। 


यौन उत्पीड़न की घटनाओं में शराबखोरी का मामला नहीं के बराबर था
महिलाओं ने बताया कि यौन उत्पीड़न के 50 फीसदी मामले शरीर को छूने से संबंधित थे, जबकि 19 फीसदी मामलों में महिलाओं से शारीरिक संबंध बनाने का प्रस्ताव रखा गया। वहीं, 31 फीसदी मामलों में बताया गया कि महिलाओं पर छिपे अर्थों में कमेंट किया गया अथवा एडल्ट फिल्म या वीडियो दिखाने की कोशिश की गई। लोकल सर्किल नाम की संस्था द्वारा आयोजित इस सर्वे में कुल 28000 लोगों से मिले जवाब को शामिल किया गया। 


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Anil dev

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