Kundli Tv- अष्टमी स्पेशल: कन्या पूजन करने से पहले ज़रूर जान लें ये बातें

punjabkesari.in Wednesday, Oct 17, 2018 - 11:37 AM (IST)

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आज बुधवार यानि 17 अक्टूबर 2018 को इस वर्ष के शारदीय नवरात्रों की अष्टमी मनाई जाएगी। इस दिन नवरात्रों का अाखिरी दिन माना जाता है। इसके अलावा कुछ लोग नवरात्रों की नवमी को भी नवरात्रों का आखिरी दिन मानते हैं और इस दिन भी कन्या पूजन किया जाता है। धर्म मान्यताओं के अनुसार अष्टमी और नवमी को कुमारी पूजन होता है, जिसमें 9 कन्याओं की पूजा-अर्चना कर उन्हें भेंट दी जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कन्या पूजन में कन्याओं की संख्या के अनुसार लाभ प्राप्त होता है।
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आइए जानते हैं किस कन्या के पूजन से मिलता है कौन सा फल-
धर्म ग्रंथों में 3 वर्ष से लेकर 9 वर्ष की कन्याएं साक्षात माता का स्वरूप मानी जाती हैं। 1 कन्या की पूजा से ऐश्वर्य, 2 की पूजा से भोग और मोक्ष, 3 की पूजा करने से अर्चना से धर्म, अर्थ और काम, चार की पूजा से राज्यपद, 5 कन्याओं की पूजा करने से विद्या, 6 कन्याओं की पूजा से 6 प्रकार की सिद्धि, 7 कन्याओं की पूजा से राज्य, 8 कन्याओं की पूजा से संपदा और 9 कन्याओं की पूजा से पृथ्वी के प्रभुत्व की प्राप्ति होती है।
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बहुत से लोग नवमी के दिन भी कन्या पूजन करते हैं लेकिन अष्टमी के दिन कन्या पूजन श्रेष्ठ रहता है। कन्याओं की आयु 10 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। शास्त्रों में 2 साल की कन्या कुमारी, 3 साल की त्रिमूर्ति, 4 साल की कल्याणी, 5 साल की रोहिणी, 6 साल की कालिका, 7 साल की चंडिका, 8 साल की शांभवी, 9 साल की दुर्गा और 10 साल की कन्या सुभद्रा मानी जाती हैं। भोजन कराने के बाद कन्याओं को दक्षिणा देनी चाहिए। इस प्रकार महामाया भगवती प्रसन्न होकर मनोरथ पूर्ण करती हैं।
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Jyoti

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