भाजपा पार्षदों ने अपने ही अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के खिलाफ खोला मोर्चा, जानिए क्यों

punjabkesari.in Tuesday, Oct 16, 2018 - 09:46 PM (IST)

सोलन (नरेश): नगर परिषद सोलन में भाजपा पार्षदों ने एक बार फिर अपने ही नप अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। भाजपा के 6 निर्वाचित पार्षदों व 3 नामित पार्षदों ने नप अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के खिलाफ बैठक कर पार्टी के लिए नई सिरदर्दी खड़ी कर दी है। इन पार्षदों का आरोप है कि नगर परिषद सोलन में पिछले 9 महीने से विकास कार्य ठप्प पड़े हुए हैं, जिसके कारण उन्हें अपने वार्डों में जवाब देना ही मुश्किल हो गया है। नगर परिषद अध्यक्ष व उपाध्यक्ष द्वारा इस दिशा में कोई प्रयास ही नहीं किए जा रहे हैं। हालत यह हो गई है कि नगर परिषद में पिछले काफी समय से जनरल हाऊस भी नहीं हुआ है।

पिछले वर्ष नप अध्यक्ष के खिलाफ लाया था अविश्वास प्रस्ताव
विदित रहे कि पिछले वर्ष नगर परिषद सोलन में भाजपा पार्षदों ने कांग्रेस पार्षदों के साथ मिलकर अपनी पार्टी के नप अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था। भाजपा के 6 पार्षदों ने उस समय अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था और कांग्रेस के 4 पार्षदों के साथ मिलकर तत्कालीन अध्यक्ष पवन गुप्ता को अपने पद से त्याग पत्र देना पड़ा था। इसके बाद भाजपा के ही देवेन्द्र ठाकुर नगर परिषद अध्यक्ष बने थे। सोलन नगर परिषद में 15 पार्षद हैं, जिनमें भाजपा के 11 व कांग्रेस के 4 पार्षद हैं। इसके अलावा नप सोलन में 4 नामित पार्षद हैं।

9 पार्षदों ने की अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के साथ बैठक
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार को भाजपा के 3 नामित पार्षदों सहित 9 पार्षदों नप अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के साथ बैठक की है। बताया जा रहा है कि इस बैठक में भाजपा का एक बड़ा नेता भी था। पार्षदों का कहना है कि या तो उनके त्याग पत्र लिए जाएं या फिर अध्यक्ष व उपाध्यक्ष को पद से हटाया जाए। भाजपा में उठी विरोध की चिंगारी यदि जल्द शांत नहीं हुई तो इस मामले में प्रदेश सरकार की किरकिरी होना लगभग तय है। पिछले वर्ष भी विस चुनाव से पूर्व ही भाजपा पार्षदों ने नप अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोला था और अब लोकसभा चुनाव से पूर्व भाजपा पार्षदों ने अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के खिलाफ विद्रोह का बिगुल बजा दिया है।

भाजपा पार्षदों की नाराजगी जायज
नगर परिषद सोलन के अध्यक्ष देवेंद्र ठाकुर ने बताया कि भाजपा पार्षदों की नाराजगी जायज है। पिछले 9 महीने से कोई काम नहीं हुआ है क्योंकि इस दौरान करीब 8-9 कार्यकारी अधिकारी बदल चुके हैं। अब उन्होंने 100 टैंडर लगा दिए हैं और सभी वार्डों में एक समान विकास होगा। 9 महीने में रुके विकास कार्यों के लिए वह जिम्मेदार नहीं हैं। कार्यकारी अधिकारी के लगातार बदलने से यह स्थिति हुई है।


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Vijay

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