#MeToo:अकबर के मामले में कोर्ट में सुनवाई टली, केंद्रीय मंत्री से मिलने पहुंचे अजीत डोभाल
punjabkesari.in Tuesday, Oct 16, 2018 - 03:03 PM (IST)
नई दिल्ली: यौन उत्पीड़न के आरोप वाले मामले में केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने पटियाला हाउस जिला अदालत में याचिका दायर की थी, जिस पर आज सुनवाई टल गई है। अब इस मामले में सुनवाई 18 अक्टूबर को होगी। वहीं, इस घटनाक्रम के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल आज केंद्रीय मंत्री से मिलने उनके घर पहुंचे। अकबर से मुलाकात के बाद डोभाल भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मिलने पहुंचे। हालांकि, डोभाल ने दोनों नेताओं से मुलाकात क्यों की, इसकी जानकारी नहीं है।
मुझ पर लगाए झूठे आरोप
भाजपा के मंत्री ने कहा, "आरोपी (रमाणी) ने शिकायतकर्ता (अकबर) को बदनाम करने के लिए उनके खिलाफ झूठे, आपत्तिजनक और द्वेषपूर्ण लांछन लगाए, जिनकी एकमात्र गुप्त मंशा शिकायतकर्त्ता की प्रतिष्ठा और राजनीतिक ओहदे को नुकसान पहुंचाना है और इसमें उनका निहित स्वार्थ और एजेंडा है।" अकबर के इस कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए रमाणी ने एक बयान में कहा कि वह मानहानि के आरोपों का सामना करने को तैयार हैं। उन्होंने आरोप लगाया, "कई महिलाओं द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए गंभीर आरोपों का जवाब देने के बजाय वह डरा-धमकाकर और प्रताड़ित करके उन्हें चुप कराना चाहते हैं।" अकबर पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने वाली महिलाओं में प्रिया रमाणी, गजाला वहाब, शुमा राहा, अंजू भारती और शुतापा पॉल शामिल हैं।
अकबर ने हाल ही में उन पर करीब 20 साल पहले यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाने वाली पत्रकार प्रिया रमाणी के खिलाफ सोमवार को पटियाला हाउस अदालत में आपराधिक मानहानि की शिकायत दायर की। विदेश राज्यमंत्री अकबर ने कहा कि रमाणी ने जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण तरीके से आरोप लगाए, जिनकी मंशा उनकी प्रतिष्ठा और राजनीतिक ओहदे को नुकसान पहुंचाना है। अकबर ने लॉ फर्म ‘करनजावाला एंड कंपनी’ के जरिए पटियाला हाउस जिला अदालत में याचिका दायर की और ‘वकालतनामा’ में 97 वकीलों के नाम दिए, जिन्हें अकबर का प्रतिनिधित्व करने के लिए अधिकृत किया गया है। मंत्री ने पत्रकार के खिलाफ मानहानि से जुड़े दंडात्मक प्रावधान के तहत मुकदमा चलाने का अनुरोध किया।
अकबर ने अपनी शिकायत में ये बातें कहीं
- ऐसा प्रतीत होता है कि आरोपी (रमाणी) ने द्वेषपूर्ण तरीके से कई गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसे वह मीडिया में फैला रही हैं। यह भी स्पष्ट है कि शिकायतकर्त्ता (अकबर) के खिलाफ झूठी बातें किसी एजेंडे को पूरा करने के लिए प्रायोजित तरीके से फैलाई जा रही हैं। इसमें अकबर के खिलाफ रमाणी के आरोपों को ‘बदनाम करने वाला’ बताया गया।
- आरोपों की ‘भाषा और सुर’ पहली नजर में ही मानहानिपूर्ण हैं और इन्होंने न सिर्फ उनके (अकबर) सामाजिक संबंधों, उनकी प्रतिष्ठा और साख को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि समाज, मित्रों और सहयोगियों के बीच अकबर की प्रतिष्ठा भी प्रभावित हुई है।
- आरोपों ने ‘अपूरणीय क्षति’ की है और यह ‘अत्यंत दुखद’ है।
- अधिवक्ता संदीप कपूर के जरिए दायर शिकायत में रमाणी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 499 (मानहानि) के तहत नोटिस जारी करने का अनुरोध किया गया।
- भादंसं की धारा 500 में व्यवस्था है कि आरोपी को दोषी ठहराए जाने पर दो साल का कारावास या जुर्माना या दोनों हो सकता है।
- अफ्रीका के दौरे से लौटने के कुछ घंटे बाद अकबर ने कई महिलाओं द्वारा उन पर लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों को ‘झूठा, फर्जी और बेहद दुखद’ करार दिया था और कहा था कि वह उनके खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करेंगे।
- अकबर का नाम सोशल मीडिया पर उस समय सामने आया था, जब वह नाइजीरिया में थे।