इस्पात मांग के तेज वृद्धि के रास्ते पर लौटने का अनुमान: रिपोर्ट

punjabkesari.in Tuesday, Oct 16, 2018 - 01:56 PM (IST)

नई दिल्लीः इस्पात उद्योग के वैश्विक संगठन ‘वर्ल्ड स्टील एसोसिएशन’ ने मंगलवार को कहा कि नोटबंदी और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दोहरे झटके से उबरने के बाद भारत में इस्पात मांग के फिर से तेज वृद्धि के रास्ते पर लौटने की उम्मीद है। संगठन ने अक्टूबर महीने के ‘अल्पावधि परिदृश्य’ में कहा, ‘‘नोटबंदी और जीएसटी क्रियान्वयन के दोहरे झटके से भारत उबर रहा है। इस कारण देश में इस्पात मांग के पुन: तेज वृद्धि के रास्ते पर लौटने का अनुमान है। मांग को निवेश सुधार तथा ढांचागत संरचना क्षेत्र के कार्यक्रमों से भी समर्थन मिलेगा। हालांकि सरकारी वित्तपोषण में नरमी तथा कॉरपोरेट ऋण से परिदृश्य पर दबाव पड़ सकता है।’’ 

संगठन ने 2018 के दौरान वैश्विक इस्पात मांग का पूर्वानुमान 165.79 करोड़ टन बताया है जो 2017 की मांग की तुलना में 3.9 प्रतिशत अधिक है। उसने कहा कि विकसित देशों में इस्पात की मांग अच्छी रहने का अनुमान है जबकि विकासशील देशों में चुनौतियों के बाद भी मांग में सुधार का अनुमान है। 

संगठन ने चीन के बारे में कहा, ‘‘चीन में मांग के समक्ष अंदरुनी और बाहरी दोनों जोखिम हैं। बाहरी जोखिम अमेरिका के साथ जारी व्यापारिक तनाव तथा वैश्विक अर्थव्यवस्था में नरमी के कारण है। हालांकि, यदि चीन की सरकार वहां की अर्थव्यवस्था में नरमी के संकट को दूर करने के लिए आवश्यक कदम उठाती है तो 2019 में इस्पात मांग बढ़ सकती है।’’ संगठन ने कहा कि चीन को छोड़ शेष एशिया में इस्पात मांग 2018 में 5.9 प्रतिशत और 2019 में 6.8 प्रतिशत बढऩे का अनुमान है।      
 


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jyoti choudhary

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