चीन ने भारत के खिलाफ चली नई चाल, 2 और देश भी दे रहे साथ
punjabkesari.in Tuesday, Oct 16, 2018 - 01:10 PM (IST)
बीजिंगः डोकलाम विवाद पर लंबे समय तक उलझने के बाद अब भारत और चीन अब समुद्री सीमा पर एक दूसरे के आमने-सामने हो सकते हैं। दरअसल, भारत को घेरने की कोशिश में रहने वाले चीन ने अब भारत के खिलाफ एक नई चाल चली है जिसमें मलयेशिया भी उसका साथ दे रहा है। चीन के नए दांव के बाद इसकी नेवी भारत के बहुत करीब आ जाएगी। बता दें कि चीन शनिवार से 9 दिन का संयुक्त नौसेना अभ्यास शुरू करने वाला है। चीन के रक्षा मंत्री ने जानकारी दी कि उनके साथ इसमें मलयेशिया और थाइलैंड होंगे। चीन यह अभ्यास अपनी नौसेना को मजबूत करने के लिए कर रहा है।
स्ट्रेट ऑफ मलाक्का में होनेवाले इस अभ्यास पर भारत की भी नजरें हैं। मलयेशिया के पास मौजूद यह जगह निकोबार द्वीप से सिर्फ एक हजार किलोमीटर दूर है। वहां भारतीय नेवी का एक एयर स्टेशन भी मौजूद है। मलयेशिया के इस कदम को भारत के लिए झटके के तौर पर भी देखा जा रहा है, क्योंकि कुछ महीनों पहले ही मलयेशिया ने भारत के साथ द्विपक्षीय सेना अभ्यास किया था। माना जा रहा था कि इससे मलयेशिया के आसियान देशों के साथ संबंध बेहतर होंगे। चीन की तरफ से अभ्यास के लिए 3 युद्धपोत, दो जहाज से उड़ान भर सकनेवाले हेलिकॉप्टर, 3 IL-76 ट्रांसपॉर्ट एयरक्राफ्ट आदि शामिल होंगे।
9 दिन के इस अभ्यास के लिए 692 जवान आएंगे। चीन ने इस अभ्यास को पीस ऐंड फ्रेंडशिप 2018 नाम दिया गया है। उसका कहना है कि यह अभ्यास साउथ चाइना सी क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाने के लिए किया जा रहा है। हालांकि, अभ्यास के लिए चुनी गई जगह मलयेशिया, इंडोनेशिया और थाइलैंड को जोड़ती है। यह साउथ चाइना सी में नहीं आती बल्कि अंडमान सागर को साउथ चाइना सी से जोड़ती है। 500 मील का यह फैलाव महत्वपूर्ण ट्रेड रूट है, यह भारत और आसियान देशों के व्यापार के साथ-साथ चीनी जहाजों के आने-जाने का रास्ता भी है। बता दें कि चीन पहले से साउथ चाइना सी में बाकी देशों (जैसे फिलिपिंस और वियतनाम) पर अपना रौब जमाता रहा है और अपना दावा जताता रहा है।