Kundli Tv- देवी के इस धाम में श्राप मुक्त हुए थे चन्द्रमा

punjabkesari.in Tuesday, Oct 16, 2018 - 11:01 AM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा (देखें VIDEO)
नवाबों के शहर लखनऊ से करीब-करीब 28 किलोमीटर की दूरी पर चन्द्रिका देवी का प्राचीन मंदिर है। ये मंदिर यहां रहने वाले लोगों के लिए श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है। लखनऊ-नई दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग-24 के पास बख्शी का तालाब है, वहीं से 11 किलोमीटर दूर कठवारा गांव में चंडी देवी का यह मंदिर है, जो मां दुर्गा को समर्पित है। लोक मान्यता के अनुसार यह मंदिर 300 साल पुराना है। प्रकृति इस स्थान पर विशेष मेहरबान है, यह हरियाली से युक्त बेहद सुंदर और आकर्षक स्थान है। मंदिर के तीनों ओर से गोमती नदी ने इस स्थान की खूबसूरती में चार चांद लगाए हुए हैं। 
PunjabKesari
कुछ स्थानीय लोगों का कहना है की रामायण काल से ही मंदिर बहुत खास रहा है इसलिए इसे माही सागर तीर्थ के नाम से भी जाना जाता है। स्कंद और कर्म पुराण में भी इस मंदिर के बारे में बताया गया है। कहते हैं पुरातन काल से ही मां दुर्गा पेड़ की कोटर में स्थापित थी और लोग भक्ति भाव से उनकी पूजा करते थे। 18वीं सदी में भक्तों ने मिलकर, मां के आशीर्वाद से सुंदर मंदिर का निर्माण करवाया। प्राचीनकाल से हर महीने की अमावस्या को यहां बड़ा भारी मेला लगता है। नवरात्र के दिनों में तो यहां भारी संख्या में भक्त मनोकामना पूर्ति के लिए मां के दरबार में हाजिरी लगाने आते हैं। मंदिर परिसर में इच्छा पूर्ति के लिए घण्टा भी बांधा जाता है। 
PunjabKesari
स्कन्द पुराण में बताया गया है चन्द्रिका देवी धाम स्थित महीसागर संगम में द्वापर युग के समय घटोत्कच के पुत्र बर्बरीक ने तप किया था। यह भी कहा जाता है की चन्द्रमा ने अपने ससुर दक्ष प्रजापति के श्राप से मुक्ति पाने के लिए इस तीर्थ के जल में स्नान किया था। लोक मान्यता के अनुसार महाभारत काल के समय में जब पाण्डव द्रोपदी के साथ वनवास के लिए गए तो इस तीर्थ पर आए थे। 
PunjabKesari
मंदिर के ये स्थान श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करते हैं जैसे हवन कुण्ड, यज्ञशाला, मां का दरबार, बर्बरीक द्वार, सुधन्वा कुण्ड, महीसागर संगम तीर्थ के घाट आदि।
यहां गिरा था देवी सती का हृदय (VIDEO)
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Niyati Bhandari

Recommended News

Related News