सुखबीर के खिलाफ फूटा संगतों का गुस्सा, कुछ ही मिनटों में खाली किया पंडाल

punjabkesari.in Monday, Oct 15, 2018 - 06:07 PM (IST)

बटाला/धारीवाल(चावला,बेरी,खोसला): संत बाबा हजारा सिंह छोटे घुमणां वालों की याद में गुरुद्वारा अंगीठा साहिब छोटे घुमणां में सलाना तीन रोजा मनाई जा रही बरसी के दूसरे दिन पंडाल में उस समय हंगामा खड़ा हो गया, जब इस धार्मिक प्रोग्राम में विशेष तौर पर पहुंचे शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल, पूर्व कैबिनेट मंत्री बिक्रमजीत सिंह मजीठिया व पूर्व विधायक गुरबचन सिंह बब्बेहाली समेत अन्य अकाली नेताओं ने शमूलियत की। उक्त नेताओं के पहुंचने पर समागम दौरान बैठी संगत में से बड़ी संख्या में लोगों ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की हुई बेअदबी, बरगाड़ी कांड और बहबल कलां कांड पर रोष प्रदर्शन करते अकाली दल बादल के विरुद्ध सख्त नारेबाजी की।

इस दौरान पंडाल में बोलते हुए गुरुद्वारा साहिब के मुख्य सेवक और धार्मिक प्रोग्राम के प्रबंधक बाबा बुद्ध सिंह ने स्टेज से यह कहना शुरू कर दिया कि कांग्रेस पार्टी सिखों की विरोधी पार्टी है और कांग्रेस ने ही श्री दरबार साहिब में टैंकों के साथ हमला कर सिखों के हृदय वलूंधरे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि शिरोमणि अकाली दल बादल ही सिखों की नुमाइंदा पार्टी है, जिसने शहादतें देकर सिखों के हक में आवाज बुलंद की परन्तु कुछ गर्मख्याली लोग कांग्रेस की शह पर शिरोमणि अकाली दल को बदनाम करने की कोशिशें कर रहे हैं, जिसको कभी भी बदर्शत नहीं किया जाएग। 

बाबा बुद्ध सिंह ने यह भी कहा कि संत बाबा हजारा सिंह जी की याद में मनाई जा रही सालाना बरसी के सम्बन्ध में बादल सरकार की तरफ से 15 अक्तूबर को जिले अंदर सरकारी छुट्टी का ऐलान किया था परन्तु एक कांग्रेसी कैबिनेट मंत्री के इशारे पर प्रशासन नेे इस छुट्टी को बिना किसी कारण रद्द कर दिया है। बता दें कि जब बाबा बुद्ध सिंह स्टेज से स्पीच दे रहे थे तो पंडाल एकदम खाली हो गया और पंडाल में बनी तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए सुखबीर सिंह बादल, बिक्रमजीत सिंह मजीठिया, गुरबचन सिंह बब्बेहाली आदि नेताओं ने स्टेज से संबोधन को रोक दिया जिसके बाद बाबा बुद्ध सिंह ने अकाली नेताओं को सिरोपा देकर सम्मानित किया।

मौके की स्थिति को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा मुलाजिमों ने लगभग ढाई घंटे बाद पंडाल में से सुखबीर सिंह बादल, बिर्कमजीत सिंह मजीठिया व अन्य अकाली नेताओं को सुरक्षित पंडाल में से बाहर निकाला। जिक्रयोग्य है कि अकाली नेताओं के आने से पहले समागम दौरान संगतें शांतमयी ढंग के साथ गुरबानी सुन रही थी परन्तु अकाली नेताओं के पंडाल में आने के बाद ही यह हंगामा खड़ा हो गया। यहां यह भी बताने योग्य है कि पंडाल में बनी तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए अकाली नेता स्टेज पर बैठने की बजाय पंडाल में ही संगतों की तरह नीचे बैठ गए। 


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Vaneet

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