प्लास्टिक के कारण तेजी से घट रही कछुओं की संख्या, वैज्ञानिक चिंतित

punjabkesari.in Monday, Oct 15, 2018 - 03:12 PM (IST)

मेलबर्नः प्लास्टिक की वजह समुद्री प्रजातियों  जैसे मछली, स्तनधारी, पक्षियों, प्लवक, कछुए) में होने वाले नुकसान का ग्राफ दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक नए अध्ययन के मुताबिक हाल ही में  मृत पाए कछुओं के बच्चों व अन्य समुद्री जीवों की मौत का कारण प्लास्टिक है। हाल के वर्षों में वैज्ञानिकों ने महसूस किया है कि प्लैंकटन से व्हेल तक के जानवर नियमित रूप से प्लास्टिक का उपभोग कर रहे हैं। ये तथ्य इन जीवों के पेट से मिलने वाले प्लास्टिक की मात्रा से स्पष्ट हो चुका है।
PunjabKesari
ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों  ने अध्ययन में पाया कि 2 दशक पहले समुद्र में कछुओं की संख्या 10 मिलियन थी जो इन 20 वर्षों में घटकर हजारों में रह गई जो गहन चिंता का विषय है। वैज्ञानिकों का मानना है कि समुद्र में प्लास्टिक प्रदूषण का सबसे अधिक प्रभाव कछुओं पर पड़ रहा है और प्रकृति के जीवन चक्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले इन जीवों की प्रजाति तेजी से कम होती जा रही है ।
PunjabKesari
1980 में समुद्री जीवों पर प्लास्टिक के दुष्प्रभाव  बारे जारी रिपोर्ट के अनुसार कछुआ एेसा पहला जीव है जिसके पेट में प्लास्टिक पाया गया। पर्यावरण विदों का सुझाव है कि समुद्री जीवों को प्लास्टिक से होने वाली मौतो से बचाने व इनके संरक्षण  के लिए व्यापक जागरुकता अभियान चलाए जाएं व समुद्र में बह कर आने वाले कचरे को रोकने के लिए कोई प्रभावी उपाय अपनाए जाएं ।  

PunjabKesari
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Tanuja

Recommended News

Related News