पंजाब में हनी ट्रैप की तैयारी में जुटा था आंतकी मूसा

punjabkesari.in Monday, Oct 15, 2018 - 02:32 PM (IST)

 चंडीगढ़:जालंधर के सी.टी. इंस्टीट्यूट से गिरफ्तार किए गए आतंकियों ने अहम खुलासा करते बताया कि जाकिर रशीद बट्ट उर्फ मूसा ने पंजाब में युवाओं को अपने जाल में फंसाने के लिए 'हनी ट्रैप' के लिए टीम बनाना शुरू कर दिया था। इसके लिए मूसा गिरफ्तार आतंकियों का सहारा ले रहा था। सोशल साइट्स व फेसबुक के जरिए गिरफ्तार आतंकी खुद को छात्र बताकर खुले ख्यालों वाली लड़कियों को अपने साथ जोड़ रहे थे। अब जाच एजैंसियों ने अपनी जांच इस दिशा में भी शुरू कर दी है।

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लड़कियों को लगाना चाहता था नशे की लत
 
गिरफ्तार आतंकियों ने बताया कि मूसा  कुछ लड़कियों को नशे की लत लगाकर उन्हें इस्तेमाल करना चाहता था। इसके लिए वह उन्हें आदेश देता था। मूसा की यह भी हिदायत थी कि दोस्ती उन्हीं से करनी है जो खुले ख्यालों व अपनी जिंदगी अपने तरीके से जीना चाहते हों। संपर्क में आने के बाद पहले इन्हें असले के साथ युवाओं की फोटो भी भेजकर उनके विचार जानते थे।

सोशल मीडिया के जरिए मिला था बुरहान वानी से

आंतकी बनने से पहले मूसा पढ़ाई में अव्वल था।  उसके परिवार में सभी पढ़े-लिखे थे। मूसा के भाई व भाभी डॉक्टर  और जाने-माने सर्जन हैं। उसकी बहन बैंक में मैनेजर, जीजा सिविल सर्विस की परीक्षा पास कर चुका है। जल्द ही वह भारत सरकार के लिए काम करेगा। बुरहान वानी के सोशल मीडिया पोस्ट से आकर्षित होकर मूसा एक साइट के जरिए ही बुरहान से पहली बार मिला था। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जब इसकी जानकारी मूसा के परिवार को दी थी तो उनके पैरों तले जमीन निकल गई थी। उसके बाद से वह घर से गायब हो गया।  करीब एक साल पहले जब वह लौटा तो पुलिस ने उसे मुख्यधारा में शामिल होने का मौका भी दिया था।  परिजनों ने भी उसे विदेश जाने की सलाह दी थी, लेकिन वह अंतिम बार घर से वह खूब रोने के बाद यह कहकर निकल गया था कि वापसी मुमकिन नहीं।

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गिरफ्तार आंतकी छात्रों के परिजन ने जांलधर में डाला डेरा

गिरफ्तार कश्मीरी आतंकी छात्रों के परिजनों ने जालंधर में शनिवार से ही डेरा डाल रखा है। उन्होंने मेडिकल करवाने के समय शनिवार को गिरफ्तार आतंकियों से मुलाकात भी की। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के चलते इन्हें मौके से हटा दिया गया। इसके बाद जाच एजैंसियों की टीम ने इन्हें पूछताछ के लिए साथ ले लिया। शनिवार को दोपहर को परिजनों ने शहर के दो वकीलों से मिलकर लीगल राय भी ली। रविवार को जम्मू-कश्मीर से आए एक अन्य वकील ने इनकी मुलाकात दिल्ली से आए वकील से करवाई।

भविष्य बनाने के लिए भेजा था इतनी दूर 

 वकील से मुलाकात के बाद एक आतंकी के करीबी रिश्तेदार ने बताया कि उन्होंने तो यह सोचकर बच्चों को कश्मीर से दूर भेजा था कि वह अपना भविष्य बना सकें। कश्मीर में ज्यादातर अमीरों ने अपने बच्चों को विदेशों में पढ़ाई के लिए भेज रखा है। उन्हीं को देखकर वहा अब यह माहौल बन गया है कि ज्यादातर लोग अपने बच्चों को कश्मीर से बाहर सही माहौल में भेजना चाहते हैं। इन्हें परिजनों की तरफ से पढ़ाई व खर्च के लिए भी 10 हजार रुपए भेजते थे। इस काम में वह ज्यादातर कश्मीर से यहा व्यापार करने आने वाले लोगों की मदद लेते थे।

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परिजन बोले मूसा के भाई के साथ ने बना दिया आंतकी

परिजनों ने बताया कि बच्चों में से दो का दाखिला जम्मू-कश्मीर की यूनिवर्सिटी में भी हो गया था। इन्हें बी-टेक कंप्यूटर साइंस में दाखिला मिल भी गया था, लेकिन बट्ट के साथ के चक्कर में इन्होंने वहां दाखिला नहीं लिया। माहौल के मद्देनजर परिजनों ने भी उनकी यह मांग मान ली थी कि वह जेएंडके से बाहर जाकर पढ़ाई करें। उन्हें क्या पता था कि जिस प्रकार मूसा बुरहान वानी की दोस्ती में मेधावी छात्र से आतंकी बन गया, वैसे ही उनके बच्चे मूसा के भाई के साथ में आतंकी बन जाएंगे।


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