बारूद के ढेर पर शहर

punjabkesari.in Monday, Oct 15, 2018 - 12:10 PM (IST)

मोगा (गोपी): एक तरफ जहां त्यौहारों के कारण समूचे प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की नजरें गैर-स्तरीय वस्तुओं की बिक्री को रोकने पर लगी हुई हैं, वहीं दूसरी तरफ मोगा शहर में अनसेफ स्थानों पर पटाखों का लंबे समय से कारोबार करने वाले दुकानदारों द्वारा बड़े स्तर पर अनसेफ स्थानों पर पटाखों का स्टॉक किया जा रहा है। हैरानी की बात तो यह है कि इस ओर प्रशासनिक अधिकारियों का अभी तक ध्यान ही नहीं गया है, जिस कारण वर्षों से चला आ रहा यह सिलसिला इस बार भी धड़ल्ले से जारी है।‘पंजाब केसरी’ द्वारा इस मामले में एकत्रित की गई विशेष रिपोर्ट में यह तथ्य उभरकर सामने आया है कि शहर के कई भीड़भाड़ वाले स्थानों पर दुकानदारों द्वारा बनाए गए गोदामों में अमृतसर व अन्य स्थानों से लाखों रुपए का पटाखा लाकर स्टॉक किया जा रहा है। अब जब दशहरे के त्यौहार में महज कुछ दिन बचे हैं, तो बड़े पटाखा कारोबारियों ने इस काम में और तेजी ला दी है। सूत्र बताते हैं कि रविवार होने कारण चाहे शहर के मुख्य बाजारों की अधिकतर दुकानें बंद थीं, लेकिन पटाखा कारोबारी सारा दिन पटाखों का स्टॉक करने में ही लगे रहे।

सूत्रों से इकट्ठे किए ब्यौरों अनुसार शहर में 100 से अधिकतर बड़े पटाखा कारोबारी हैं, जो शहर की चारों सब-डिवीजनों धर्मकोट, निहाल सिंह वाला, बाघापुराना व मोगा के अंतर्गत पड़ते शहरों व 343 गांवों के अलावा साथ लगते फिरोजपुर, फरीदकोट तथा बरनाला के कुछ गांवों के दुकानदारों को भी पटाखों की सप्लाई करते हैं। इस संबंधी शहर निवासियों से की बातचीत दौरान उन्होंने कहा कि प्रशासन पटाखा कारोबारियों को हिदायत दे कि वे गोदामों को शहर से बाहर सुरक्षित स्थानों पर बनाएं, ताकि शहर निवासियों को किसी असुखद घटना होने का खदशा न रहे।

दुकानदारों ने लगाए पटाखों के गोदामों को ताले
इस मामले संबंधी की गई जांच दौरान यह भी पता लगा है कि शहर के अधिकतर दुकानदारों द्वारा पटाखों के गोदामों को ताले लगाए गए हैं तथा दुकानदार या अन्य कोई मुलाजिम इन गोदामों के नजदीक नहीं रहते। इस कारण किसी भी समय असुखद घटना होने का डर बना रहता है।

2012 में घर में पटाखे बनाते समय हुआ था ब्लास्ट, 4 व्यक्तियों की हुई थी मृत्यु
बतानेयोग्य है कि 14 अप्रैल, 2012 को शहर के पहाड़ा सिंह चौक के नजदीक घर में ही पटाखे बनाते समय बड़ा ब्लास्ट हुआ था। इस कारण एक ही परिवार के 4 सदस्यों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी, जबकि 3 लोग घायल हो गए थे। चाहे उस समय असुरक्षित तौर पर पटाखों का स्टॉक करने वालों व पटाखे बनाने वालों के विरुद्ध सख्ती की गई थी, लेकिन कुछ समय बाद दोबारा सब कुछ पहले की तरह ही शुरू हो गया।

पटाखों का स्टॉक रखने व बेचने के ये हैं नियम
विस्फोटक सुरक्षा के लिए केन्द्र सरकार द्वारा बनाए गए एक्ट 1884 तथा 2008 के तहत पटाखों को बिना लाइसैंस से बेचा नहीं जा सकता। यदि पटाखे या आतिशबाजियां बनानी हैं, तो उसके लिए भी अलग तौर पर मंजूरी लेनी पड़ती है।पटाखों के स्टॉक नजदीक पानी व आग बुझाओ यंत्रों का प्रबंध होना लाजिमी है।
पटाखों के स्टॉक नजदीक बिजली की तारों में किसी भी तरह का जोड़ नहीं होना चाहिए।त्यौहारों के दिनों में भीड़भाड़ वाले स्थानों पर खुलेआम पटाखों की बिक्री नहीं हो सकती।

पटाखे रखने संबंधी प्रशासन ने हिदायतें की जारी : डिप्टी कमिश्नर हांस
इस मामले संबंधी जब डिप्टी कमिश्नर मोगा संदीप हांस से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि पटाखे रखने संबंधी प्रशासन ने पहले ही नियमों संबंधी हिदायतें जारी कर दी हैं तथा हर हाल में दुकानदारों को इन नियमों की पालना करनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि असुरक्षित स्थानों पर पटाखों का स्टॉक नहीं रखने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस मामले संबंधी प्रशासन द्वारा चैकिंग भी करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि यदि शहर में किसी जगह पर नियमों की अनदेखी हो रही है, तो शहरवासी प्रशासन से संपर्क कर सकते हैं।
 


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