Birthday Special: अब्दुल कलाम को 40 यूनिवर्सिटियों से हासिल थी डॉक्ट्रेट की मानद उपाधि

punjabkesari.in Monday, Oct 15, 2018 - 11:39 AM (IST)

नई दिल्लीः  मिसाइलमैन के नाम से प्रसिद्ध एपीजे अब्दुल कलाम की आज जयंती है। वे भारत के 11वें राष्ट्रपति थे। उन्हें साल 2002 में भारत का राष्ट्रपति बनाया गया था। वहीं, पांच वर्ष की अवधि पूरी होने के बाद वे फिर से शिक्षा, लेखन और सार्वजनिक सेवा के क्षेत्र में लौट आए थे। पूर्व राष्ट्रपति कलाम का जन्म 15 अक्टूबर, 1931 को रामेश्वरम में हुआ था। उन्होंने अपनी पढ़ाई सेंट जोसेफ कॉलेज, तिरुचिरापल्ली से की थी। पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का 27 जुलाई, 2015 को शिलांग में निधन हो गया था। वे आईआईएम शिलांग में लेक्चर देने गए थे। वहीं उन्हें दिल का दौरा पड़ा। उनका ज्ञान और व्यक्तित्व कुछ ऐसा था कि उन्हें 40 यूनिवर्सिटियों से डॉक्ट्रेट की मानद उपाधि मिली। कलाम ने वैज्ञानिक बनने से पहले इंडियन एयरफोर्स में पायलट पद के लिए आवेदन किया था। वायुसेना में 8 पदों के लिए वैकेंसी थी और उनका नंबर नौवां था।

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पढ़ाई के लिए बेचना भी पड़ा अखबार
आठ साल की उम्र से ही कलाम सुबह 4 बजे उठते थे और नहा कर गणित की पढ़ाई करने चले जाते थे। सुबह नहा कर जाने के पीछे कारण यह था कि हर साल पांच बच्चों को मुफ्त में गणित पढ़ाने वाले उनके टीचर बिना नहाए आए बच्चों को नहीं पढ़ाते थे। ट्यूशन से आने के बाद वह नमाज पढ़ते और इसके बाद सुबह आठ बजे तक रामेश्वरम रेलवे स्टेशन और बस अड्डे पर अख़बार बेचते थे।

 

...जब पहुंचे इसरो
1962 में कलाम इसरो में पहुंचे। इनके प्रोजेक्ट डायरेक्टर रहते ही भारत ने अपना पहला स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान एसएलवी-3 बनाया। 1980 में रोहिणी उपग्रह को पृथ्वी की कक्षा के समीप स्थापित किया गया और भारत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष क्लब का सदस्य बन गया। कलाम ने इसके बाद स्वदेशी गाइडेड मिसाइल को डिजाइन किया। उन्होंने अग्नि और पृथ्वी जैसी मिसाइलें भारतीय तकनीक से बनाईं।

1992 से 1999 तक कलाम रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार भी रहे। इस दौरान वाजपेयी सरकार ने पोकरण में दूसरी बार न्यूक्लियर टेस्ट भी किए और भारत परमाणु हथियार बनाने वाले देशों में शामिल हो गया। कलाम ने विजन 2020 दिया। इसके तहत कलाम ने भारत को विज्ञान के क्षेत्र में तरक्की के जरिए 2020 तक अत्याधुनिक करने की खास सोच दी। कलाम भारत सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार भी रहे।

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1982 में कलाम को डीआरडीएल (डिफेंस रिसर्च डेवलपमेंट लेबोरेट्री) का डायरेक्टर बनाया गया। उसी दौरान अन्ना यूनिवर्सिटी ने उन्हें डॉक्ट्रेट की उपाधि से सम्मानित किया। कलाम ने तब रक्षामंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. वीएस अरुणाचलम के साथ इंटिग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम (आईजीएमडीपी) का प्रस्ताव तैयार किया। स्वदेशी मिसाइलों के विकास के लिए कलाम की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई।

इसके पहले चरण में जमीन से जमीन पर मध्यम दूरी तक मार करने वाली मिसाइल बनाने पर जोर था। दूसरे चरण में जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल, टैंक-भेदी मिसाइल और रिएंट्री एक्सपेरिमेंट लॉन्च व्हीकल (रेक्स) बनाने का प्रस्ताव था। पृथ्वी, त्रिशूल, आकाश, नाग नाम के मिसाइल बनाए गए। कलाम ने अपने सपने रेक्स को अग्नि नाम दिया। सबसे पहले सितंबर 1985 में त्रिशूल, फिर फरवरी 1988 में पृथ्वी और मई 1989 में अग्नि का परीक्षण किया गया।

इसके बाद 1998 में रूस के साथ मिलकर भारत ने सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल बनाने पर काम शुरू किया और ब्रह्मोस एयरोस्पेस लिमिटेड की स्थापना की गई। ब्रह्मोस को धरती, आसमान और समुद्र कहीं भी दागा जा सकता है। इस सफलता के साथ ही कलाम को मिसाइल मैन के रूप में प्रसिद्धि मिली और उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।

 

यहां पढ़ें उनके कुछ प्रेरणादायक विचार

  • आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत, असफलता नामक बीमारी को मारने के लिए सबसे बढ़िया दवाई है।
  • जीवन में फेल होते हैं तो कभी हार न मानें, क्योंकि फेल (FAIL) मतलब फर्स्ट अटेम्प्ट इन लर्निंग होता है।
  • अगर आप सूरज की तरह चमकना चाहते हैं तो पहले आपको सूरज की तरह तपना होगा।
  • इंतजार करने वालों को सिर्फ उतना ही मिलता है, जितना कोशिश करने वाले छोड़ देते हैं।
  • सपने वो नहीं हैं जो आप नींद में देखते हैं, सपने वो हैं जो आपको नींद ही नहीं आने दें।
  • चलो हम अपना आज कुर्बान करते हैं जिससे हमारे बच्चों को बेहतर कल मिले।
  • भगवान उसी की मदद करता है जो कड़ी मेहनत करते हैं, यह सिद्धान्त स्पष्ट होना चाहिए।
  • हमें हार नहीं माननी चाहिए और समस्याओं को हम पर हावी नहीं होने देना चाहिए।


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Sonia Goswami

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