‘बच्चों की पढ़ाई दाव पर न लगाएं, नहीं तो होगी कानूनी कार्रवाई’

punjabkesari.in Sunday, Oct 14, 2018 - 04:20 PM (IST)

अमृतसर/तरनतारन(दलजीत, रमन): शिक्षा मंत्री ओ.पी. सोनी ने पटियाला धरने पर बैठे सांझा अध्यापक मोर्चा के नेताओं को एक बार फिर चेतावनी दी है कि वे बच्चों की पढ़ाई को दाव पर न लगाएं, नहीं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

सोनी  अमृतसर में एसोसिएटिड स्कूल एसो. की ओर से आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद ‘पंजाब केसरी’ से बातचीत कर रहे थे। 
शिक्षा मंत्री ने कहा कि सांझा अध्यापक मोर्चा के नेताओं ने 3 माह पहले उनसे बैठक कर रमसा एस.एस.सी. अध्यापकों को बेसिक तनख्वाह पर रैगुलर करने पर सहमति दी थी। उसके बाद ही सरकार ने अध्यापकों को रैगुलर करने की प्रक्रिया शुरू की। कैबिनेट ने अपने रिस्क पर 5 हजार रुपए अधिक वेतन दिया है।

सरकारी अधिकारी तो एस.एस.ए. रमसा अध्यापकों को सिर्फ 10,300 रुपए वेतन देने के बाद ही रैगुलर करने पर अड़े थे। एस.एस.ए. रमसा के 800 अध्यापक पिछली भर्ती प्रक्रिया में शामिल होकर 10,300 वेतन पर तैनात हुए हैं। सरकार तो टैट पास कर नौकरी ज्वाइन करने वाले अध्यापकों से भी अधिक वेतन दे रही है। इसके बावजूद सांझा अध्यापक मोर्चा के कुछ नेता अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए अध्यापकों को गुमराह कर रहे हैं। इससे पहले मंत्री ओम प्रकाश सोनी का एसोसिएट्स स्कूल मुखियों ने फूलों का बुके, शॉल व श्री दरबार साहिब का बड़ा चित्र प्रदान कर सम्मानित किया। 

एसोसिएट्स स्कूल अपनी कमियों को करें दूर
पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड से संबंधित प्राइवेट स्कूल विद्याॢथयों को कम फीस में क्वालिटी एजुकेशन मुहैया करवा रहे हैं। सोनी ने सरकारी स्कूलों पर सवाल खड़ा किया कि निजी स्कूलों के विद्यार्थी सरकारी स्कूलों को पीछे छोड़ रहे हैं। निजी स्कूल प्रदेश में शिक्षा का प्रचार-प्रसार करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। ऐसे में इन स्कूलों को बंद करने का सवाल ही पैदा नहीं होता है। सरकार एसोसिएट्स स्कूलों के प्रति सुहृदय है। प्रदेश के किसी भी स्कूल को बंद नहीं होने दिया जाएगा। बशर्ते निजी स्कूलों को सभी सरकारी नियम पूरे करने होंगे। सोनी ने एसोसिएट्स स्कूलों के लिए वर्ष 2019-20 सैशन में कंटीन्यूशन प्रोफार्मा जारी करने का वायदा किया। उन्होंने कहा कि सरकार की सोच सकारात्मक है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह नहीं चाहते कि प्रदेश का कोई स्कूल बंद किया जाए। एसोसिएट्स स्कूल अपनी कमियों को दूर कर लें। किसी एसोसिएट्स स्कूल प्रबंधक से बेइंसाफी व धक्केशाही नहीं की जाएगी।

अध्यापकों को पढ़ाने के लिए वेतन देती है सरकार
शिक्षा मंत्री ने कहा कि अध्यापकों को समझना होगा कि केंद्र सरकार के फंडों से उनकी नौकरी चल रही थी। अब केंद्र सरकार के फंड बंद हो रहे हैं। सोसायटियों के अधीन काम करने वाले ऐसे अध्यापकों की नौकरी खतरे में थी, लेकिन पंजाब सरकार ने इन अध्यापकों का रोजगार बचाने के साथ-साथ उन्हें रैगुलर करने का भी प्रस्ताव पेश किया है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अध्यापक स्कूल छोड़कर धरने पर गए तो उनके खिलाफ कार्रवाई जरूर होगी। बच्चों की पढ़ाई किसी भी हालत में बाधित नहीं होने दी जाएगी। अध्यापकों का काम पढ़ाना है, रोष प्रदर्शन करना नहीं। सरकार अध्यापकों को पढ़ाने के लिए वेतन देती है न कि रोष प्रदर्शन करने के लिए।


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swetha

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