नवरात्र में नंगे पैर चलने से दूर हो जाएंगी ये परेशानियां

punjabkesari.in Sunday, Oct 14, 2018 - 04:13 PM (IST)

नवरात्र व्रत में लोग बहुत से नियमों का पालन करते हैं। इस दौरान लोग मां की ज्‍योति के सामने ही जमीन पर सोते हैं। वहीं, कुछ लोग 9 दिन तक जूते-चप्पल नहीं पहनते हैं और नंगे पांव चलते है। मगर क्या आप जानते हैं कि नवरात्र में इस आस्था भाव के पीछे कई वैज्ञानिक पक्ष भी हैं। चलिए, आपको बताते हैं कि नवरात्र के दौरान नंगे पांव चलने से क्‍या होता है।

 

नवरात्र में नंगे पांव चलने के फायदे
1. मौसम में बदलाव है वजह
नवरात्र से पहले बरसात का मौसम खत्म हो जाता है और सर्दियों का मौसम शुरू हो जाता है। इस समय न तो ज्यादा गर्मी होती है और न ही सर्दी, इसलिए इस दौरान सूर्य की किरणों से विटामिन डी आसानी से लिया जा सकता है।

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2. शरीर का तापमान होता है बैलेंस
बारिश के मौसम में शरीर का तापमान ठंडा हो जाता है, लेकिन इस दौरान धरती हलकी गर्म रहती है। ऐसे में, नंगे पांव चलने से शरीर की ठंडक कम होती है और तापमान सही बैलेंस में आता है। इससे सर्दी, कफ जैसी समस्याएं भी दूर हो जाती हैं।
 

3. एक्‍युप्रेशर थेरेपी
नंगे पांव चलने से शरीर की एक्युप्रेशर थेरेपी हो जाती है। दरअसल, शरीर के अंग हाथों और पैरों की नसों से जुड़े होते हैं। नंगे पांव चलते समय पैरों की नसों पर दबाव पड़ता है, जिससे खून का प्रवाह तेज हो जाता है और ब्लॉकेज खत्म हो जाते हैं।

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4. मांसपेशियां होती हैं सक्रिय
9 दिन बिना जूते-चप्पत के चलने से मांसपेशियां सक्रिय हो जाती हैं। इससे आपको मांसपेशियों में अकड़न और दर्द से भी छुटकारा मिल जाता है।
 

5. तनाव से मुक्ति
इस दौरान नंगे पांव चलने से तनाव, हाइपर टेंशन, नींद न आना, ऑर्थराइटिस, अस्थमा और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी परेशानियों से भी छुटकारा मिलता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि नंगे पांव चलने से रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है।

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इन लोगों को नहीं चलना चाहिए नंगे पांव
अगर आप डायबिटीक, अर्थराइटिस और पेरिफेरल वसक्युलर डिसीज के शिकार हैं तो नंगे पैर न चलें। इससे बीमारी बढ़ने का खतरा रहता है। ऐसे लोग नंगे पांव चलना चाहें तो पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

 


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Content Writer

Anjali Rajput

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