विमान सेवा कंपनियों पर किराया बढ़ाने का दबाव
punjabkesari.in Sunday, Oct 14, 2018 - 04:05 PM (IST)
नई दिल्लीः अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की बढ़ी कीमतों और डॉलर के मुकाबले रुपए के लगातार कमजोर पड़ने से विमान सेवा कंपनियों पर किराया बढ़ाने का दबाव बढ़ रहा है। एयरलाइंस के कुल खर्च का 35 से 40 प्रतिशत विमान ईंधन के मद में व्यय होता है। पिछले एक साल में देश में विमान ईंधन के दाम 37 प्रतिशत बढ़ चुके हैं। इससे विमान सेवा कंपनियों की हालत खराब हो रही है।
इस साल 30 जून को समाप्त तिमाही में जेट एयरवेज को 1,323 करोड़ रुपए और स्पाइसजेट को 38.06 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। देश की सबसे बड़ी विमान सेवा कंपनी इंडिगो का मुनाफा भी 96 फीसदी से ज्यादा घटकर 30 जून को समाप्त तिमाही में 27.79 करोड़ रुपए रह गया। सरकारी विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया के साथ ही पूर्ण सेवा एयरलाइंस विस्तारा और जेट एयरवेज को लागत घटाने के लिए मजबूरन बिना खाने तथा अन्य विकल्पों में कटौती करनी पड़ी है।
स्पाइसजेट के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक अजय सिंह ने बताया कि किराए के वर्तमान स्तर पर विमान सेवा कंपनियों के लिए परिचालन लाभ कमाना संभव नहीं है। कंपनियों को किराया बढ़ाना ही होगा, सवाल बस यह है कि पहल कौन करे। उन्होंने कहा कि स्पाइसजेट ने किराया बढ़ाना शुरू कर दिया है। त्योहारी मौसम में वैसे भी हवाई किराया ज्यादा होता है, लेकिन मौसम समाप्त होने के बाद भी किराया पुराने स्तर तक कम नहीं होगा। बोइंग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष तथा एशिया-प्रशांत क्षेत्र के विपणन प्रमुख दिनेश केसकर ने कहा कि कंपनियों पर किराया बढ़ाने का दबाव है, लेकिन प्रतिस्पद्र्धा के दबाव में वे ऐसा नहीं कर रही हैं। हालांकि, ज्यादा समय तक वे इससे परहेज नहीं कर सकतीं।
सबसे ज्यादा पढ़े गए
Recommended News
Recommended News
Rang Panchami : रंग पंचमी पर कर लें यह उपाय, मां लक्ष्मी का घर में होगा वास
Rang Panchami: रंगपंचमी पर धरती पर आएंगे देवी-देवता, इस विधि से करें उन्हें प्रसन्न
मैड़ी मेले में आए अमृतसर के श्रद्धालु की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत, पुलिस जांच में जुटी
आज जिनका जन्मदिन है, जानें कैसा रहेगा आने वाला साल