टाटा, अदाणी व एस्सार को मिल सकती है राहत

punjabkesari.in Saturday, Oct 13, 2018 - 01:13 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग (सीईआरसी) को बिजली उत्पादकों के साथ बिजली खरीद समझौते में संशोधन करने के बारे में निर्देश देने की मांग की है। राज्य सरकार के इस कदम से संकट से जूझ रही टाटा पावर, एस्सार और अदाणी पावर की परियोजनाओं को राहत मिल सकती है।

राज्य सरकार ने उच्च अधिकार प्राप्त समिति की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी है जिसमें बिजली कंपनियों को राहत देने की अनुमति दी गई है। समिति का गठन सीईआरसी के निर्देश के तहत किया गया था। समिति ने आयातित कोयले से चलने वाली कुल 7180 मेगावॉट की तीन बिजली परियोजनाओं को लेकर अपनी सिफारिशें सौंपी हैं। इन तीनों परियोजनाओं की स्थापना 2006-08 के दौरान की गई थी और ये आयातित कोयले की बढ़ी लागत का भार ग्राहकों पर बढ़े शुल्क के जरिए डालने में सक्षम नहीं हो पा रही हैं क्योंकि वे बिजली खरीद करार से बंधी हैं। 280 अरब रुपए की लागत वाली ये परियोजनाएं दिवालिया होने के कगार पर खड़ी हैं।

राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस मामले को पहले सुप्रीम कोर्ट में ले जाया गया था और अब एक बार फिर बिजली खरीद समझौते में संशोधन के लिए दिशानिर्देश की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में यह मामला गया है। उन्होंने कहा, 'हम सुप्रीम कोर्ट और नियामकीय आयोग से यह जानना चाहते हैं कि क्या हम बिजली खरीद करार में संशोधन के लिए सही प्रक्रिया का पालन कर रहे हैं।' सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल 2017 में अपने आदेश में अदाणी और टाटा पावर की परियोजनाओं को कोयले की बढ़ी लागत का भार ग्राहकों पर डालने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था।

समिति की रिपोर्ट में कहा गया है, 'इन इकाइयों को बचाने की जरूरत है और ऊंची ईंधन की लागत का भार ग्राहकों, ऋणदाताओं और अन्य हितधारकों पर समान रूप से डालने की अनुमति देनी चाहिए।' हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल 2017 में बढ़ी लागत के हिसाब से शुल्क बढ़ाने की अनुमति नहीं दी थी क्योंकि बिजली खरीद करार में इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है। इसके साथ ही परियोजना डेवलपरों ने 25 साल तक समान दर पर बिजली की आपूर्ति करने के आधार पर बोली लगाई थी। टाटा पावर ने 2.26 रुपए प्रति यूनिट की दर से, वहीं अदाणी पावर ने 2.35 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीद करार पर हस्ताक्षर किए हैं। 


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Supreet Kaur

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