Kundli Tv- नवरात्र और 64 योगिनियों का क्या है CONNECTION

punjabkesari.in Saturday, Oct 13, 2018 - 01:12 PM (IST)

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नवरात्र में भवानी यानि देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। इस बात से तो लगभग सभी लोग वाकिफ़ होंगे लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि इनके साथ और किसका पूजन आपके लिए लाभदायक हो सकते हैं। ज्योतिष के अनुसार नवरात्र में देवी दुर्गा के साथ 64 योगिनियों की आराधना करने का भी बहुत महत्व माना जाता है। महान ज्योतिषिओं के अनुसार ये 64 योगिनियों चैतन्य यानि सतर्क हो जाती हैं। 
PunjabKesariमान्यता है कि सभी योगिनियां मां काली का अवतार हैं, जिस कारण इन सब को आदिशक्ति कहा जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार ये सभी योगिनियां मां काली का अवतार हैं और इस सभी को आदिशक्ति कहा जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार  मां काली ने घोर नामक दैत्य का वध करने के लिए इन्हीं सभी रूपों में अवतार लिए थे। इसके अलावा यह भी कहा जाता है की ये सभी योगिनियां माता पार्वती की सखियां हैं।

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64 योगिनियों को लेकर कुछ लोगों का मानना है की योगिनियों का संबंध काली कुल से हैं और ये सभी तंत्र और योग विद्या से घनिष्ठ संबंध रखती हैं। इसलिए इनकी साधना ज्यादातर तांत्रिकों द्वारा की जाती है। कहा जाता है की ये सभी योगिनियां अलौकिक शक्तिओं से सम्पन्न हैं और इंद्रजाल, जादू, वशीकरण, मारण, स्तंभन इत्यादि कर्म इन्हीं की कृपा द्वारा ही सफल हो पाते हैं। वहीं दूसरी तरफ इन 64 देवियों में से दस महाविद्याएं और सिद्ध विद्याओं की भी गणना की जाती है। ये सभी आद्या शक्ति काली के ही भिन्न-भिन्न अवतारी अंश हैं।

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यहां जानें, चौंसठ योगिनियों में से 8 प्रमुख योगिनियां-


1.सुर-सुंदरी योगिनी, 2.मनोहरा योगिनी, 3. कनकवती योगिनी, 4.कामेश्वरी योगिनी, 5. रति सुंदरी योगिनी, 6. पद्मिनी योगिनी, 7. नतिनी योगिनी और 8. मधुमती योगिनी।

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चौंसठ योगिनियों के नाम
1.बहुरूप, 3.तारा, 3.नर्मदा, 4.यमुना, 5.शांति, 6.वारुणी 7.क्षेमंकरी, 8.ऐन्द्री, 9.वाराही, 10.रणवीरा, 11.वानर-मुखी, 12.वैष्णवी, 13.कालरात्रि, 14.वैद्यरूपा, 15.चर्चिका, 16.बेतली, 17.छिन्नमस्तिका, 18.वृषवाहन, 19.ज्वाला कामिनी, 20.घटवार, 21.कराकाली, 22.सरस्वती, 23.बिरूपा, 24.कौवेरी, 25.भलुका, 26.नारसिंही, 27.बिरजा, 28.विकतांना, 29.महालक्ष्मी, 30.कौमारी, 31.महामाया, 32.रति, 33.करकरी, 34.सर्पश्या, 35.यक्षिणी, 36.विनायकी, 37.विंध्यवासिनी, 38. वीर कुमारी, 39. माहेश्वरी, 40.अम्बिका, 41.कामिनी, 42.घटाबरी, 43.स्तुती, 44.काली, 45.उमा, 46.नारायणी, 47.समुद्र, 48.ब्रह्मिनी, 49.ज्वाला मुखी, 50.आग्नेयी, 51.अदिति, 51.चन्द्रकान्ति, 53.वायुवेगा, 54.चामुण्डा, 55.मूरति, 56.गंगा, 57.धूमावती, 58.गांधार, 59.सर्व मंगला, 60.अजिता, 61.सूर्यपुत्री 62.वायु वीणा, 63.अघोर और 64. भद्रकाली।

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योगिनियों के प्रमुख चार मंदिर
64 योगिनियों के भारत में चार प्रमुख मंदिर हैं। दो ओडिशा में और दो मध्यप्रदेश में। मध्यप्रदेश में एक मुरैना जिले के थाना रिठौराकलां में ग्राम पंचायत मितावली में है जिसे इकंतेश्वर महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है। इसके अलवा दूसरा मंदिर खजूराहो में स्थित है। वहीं तीसरा भुवनेश्वर मंदिर उडीसा राज्य से 20 कि.मी. दूर गांव में स्थित है, कहा जाता है इस मंदिर का निर्माण 9वीं शताब्दी में किया गया था। इसके अलावा चौथा मंदिर उडीसा राज्य के बलांगीर जिले के जुड़वे गांव में स्थित है।
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Jyoti

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