Kundli Tv- ये हैं चिरंजीवी हनुमान के पावन स्थल, दर्शन से दूर होते हैं संकट

punjabkesari.in Tuesday, Oct 02, 2018 - 02:12 PM (IST)

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धार्मिक पुराणों और ग्रंथों में हिंदू धर्म के कुछ पात्रों के बारे में बताया गया है, जो आज भी इस धरती पर अमर हैं। इनमें से एक हैं चिरंजीवी बजरंगबली। कहते हैं कि सीता माता के वरदान से ही हनुमान जी को अमरता प्राप्त हुई। हिंदू धर्म में इनको भगावन शिव के समान ही दर्जा प्राप्त है, क्योंकि असल में ये भगवान शंकर का ही अवतार हैं। कहा जाता है कि ये अपने भक्तों पर बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। देश के हर कोने में इनके प्राचीन मंदिक स्थापित है, जिनके दर्शन मात्र से व्यक्ति की सभी संकट खुद कट जाते हैं। इसलिए ही इन्हें संकटमोचन भी कहते हैं। 

बजरंगबली का नारी स्वरूप
भारत देश में हनुमान जी का एकमात्र ऐसा मंदिर हैं जहां वें नारी रूप में विराजमान हैं। यह मंदिर छत्तीसगढ़ में बिलासपुर शहर के रतनपुर गांव में स्थित है। इस नगरी को माहामायी के नाम से जाना जाता है।

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पत्नी संग मौजूद हनुमान
जैसे कि सबको पता होगा कि दुनिया भर में हनुमान जी की पूजा बाल ब्रह्मचारी के रूप में की जाती है, लेकिन तेलंगाना में बजरंग बली और उनकी पत्नी सुवर्चला का पावन धाम है। वहां लोग इन्हें विवाहित रूप में पूजते हैं। माना जाता है कि इस मंदिर के दर्शन मात्र से वैवाहिक जीवन में आ रही परेशानियां दूर हो जाती हैं। 

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उलटे हनुमान 
उलटे हनुमान जी का मंदिर धार्मिक नगरी उज्जैन से 30 किमी दूर सांवरे नामक स्थान पर स्थित। मंदिर में भगवान हनुमान की उलटे मुख वाली सिंदूर से सजी मूर्ति विराजमान है। माना जाता है कि अहिरावण भगवान श्रीराम व लक्ष्मण का अपहरण कर पाताल लोक ले गया था, तब हनुमान ने पाताल लोक जाकर अहिरावण का वध कर श्रीराम और लक्ष्मण के प्राणों की रक्षा की थी। यह वह स्थान है, जहाँ से हनुमानजी ने पाताल लोक जाने हेतु पृथ्वी में प्रवेश किया था।

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लेटे हुए हनुमान
उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हनुमान जी की लेटी हुई प्रतिमा वाला एक प्राचीन मंदिर है। यह प्रतिमा 20 फीट लंबी है। देशभर में जब नदियों का स्तर बढ़ जाता है तब गंगा जी इस प्रतिमा को स्नान कराने आती है। मंदिर के भक्त गंगा के बहाव को शुभता की दृष्टि से देखते हैं। माना जाता है कि इस मन्दिर में कदम रखते ही श्रद्धालुओं को अजीब से सुख कीअनुभव होता है।

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हनुमानगढ़ी
श्री हनुमान जी का पावन धाम जिसे लोग हनुमानगढ़ी के नाम से जानते हैं यह स्थान श्री राम जी की जन्मभूमि  अयोध्या के करीब टीले पर स्थित है। जहां 60 साीढ़ियों को चढ़ने के बाद हनुमत के दर्शन होते हैं। हम सब जानते हैं कि हनुमान जी प्रभु श्री राम जी के परम भक्त थे, इसलिए माना जाता है कि इस मंदिर दर्शन के बगैर अयोध्या की यात्रा अधूरी मानी जाती है।

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संकटमोचन
मान्यता है कि इस मंदिर के दर्शन मात्र से सभी संकट दूर हो जाते हैं। इसीलिए लोग इस मंदिर को संकटमोचन मंदिर के नाम से बुलाते हैं। यह मूर्ति गोस्वामी तुलसीदासजी के तप एवं पुण्य से प्रकट हुई थी।इस मूर्ति की विशेषता यह भी है कि मूर्ति मिट्टी की बनी है।यह मंदिर उतर प्रदेश के वाराणसी में स्थित है।यहां हर साल हनुमान जयंती बड़े धूमधाम से मनायी जाती है।

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बालाजी
दौसा जिले के पास दो पहाडिय़ों के बीच बसा हुआ श्री हनुमान जी का यह पावन धाम राजस्थान के मेहंदीपुर में स्थित है। यह मंदिर भूत-प्रेत बाधाओं को दूर करने के लिए जाना जाता है। माना जाता है कि जब पीड़ित व्यक्ति के अंदर से प्रेत बाधाएं बोलती हैं तो उनकी आवाज ही बदल जाती है। यहां आने वाले पीड़ित लोगों को देखकर सामान्य लोगों की रूह तक कांप जाती है। पीड़ित लोग यहां पर बिना दवा और तंत्र-मंत्र के स्वस्थ होकर लौटते हैं।

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सालासर बालाजी 
यह मंदिर राजस्थान के चुरू जिले में सालासर गांव में स्थित है। यहां पर हनुमान जी की दाढ़ी-मूछ वाली मूर्ति स्थापित है। इस विशाल मंदिर को मुस्लिम कारीगरों ने बनाया था। कहा जाता है कि इस धाम में आने वाला हर भक्त कभी भी खाली हाथ नहीं जाता।

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हनुमान दंडी 
गुजरात में द्वारका से चार मील की दूरी पर बेटद्वारका हनुमान दंडी मंदिर है। इस स्थान पर हनुमानजी के साथ मकर ध्वज की मूर्ति स्थापित है। कहते है कि मकर ध्वज की मूर्ति पहले छोटी हुआ करती थी, लेकिन अब ये मूर्ति बड़ी हो चुकी है।इस मंदिर को दांडी हनुमान मंदिर के नाम से जाना जाता है। माना जाता है कि यह वही स्थान है जहां पहली बार हनुमानजी अपने पुत्र मकरध्वज से मिले थे।
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Jyoti

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