Kundli Tv- अपनी किस गलती को सुधारने स्वर्ग से वापस आए थे कर्ण

punjabkesari.in Monday, Oct 01, 2018 - 02:07 PM (IST)

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हिंदू धर्म से संबंध रखने वाले लगभग लोगों को पता होगा कि 24 सितंबर से पितृ पक्ष शुरू हो चुका है जो 8 अक्टूबर तक चलेगा। इस समय हर कोई श्राद्ध कर अपने पितरों को प्रसन्न करने में लगा हुआ है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इन दिनों अपने पितरों के नाम पर लोग ब्राह्माणों को भोजन कराते हैं और दान-दक्षिणा देते हैं, क्योंकि एेसा कहा जाता है कि एेसा करने से पूर्वजों की आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पितृ तर्पण की ये परंपरा प्राचीन समय से चली आ रही है। तो आइए जानते हैं महाभारत के एक पात्र की श्राद्ध से जुड़ी कथा-
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महाभारत के योद्धा कर्ण के बारे में एक कथा प्रचलित है जिसमे बताया गया है कि जब कर्ण की मृत्यु बाद उनकी आत्मा स्वर्ग लोक में पहुंची तो वहां पर उन्हें भोजन में खाने के लिए ढेर सारा सोना और सोने से बने आभूषण दिए गए। तब कर्ण की आत्मा को कुछ समझ में नहीं आया। कर्ण की आत्मा ने देवराज इंद्र से पूछा कि उन्हें खाने में सोने की चीजें क्यों दी जा रही है।
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देवराज इंद्र ने उनके इस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि तुमने अपने जीवन काल में सोना ही दान किया था। उन्हें खाने की कोई चीज़ तो कभी दान की ही नहीं जिस कारण से तुम्हें भी सोना ही खाने को दिया गया है। इस पर कर्ण ने कहा कि मुझे अपने पूर्वजों के बारे में कुछ भी मालूम नहीं था इसलिए उन्हें कुछ भी दान नहीं कर पाया।
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जिसके बाद से कर्ण को उनकी गलती सुधारने के लिए स्वर्ग से दोबारा 16 दिनों के लिए वापस पृथ्वी पर भेजा गया। इन 16 दिनों में कर्ण ने अपने पूर्वजों को याद करते हुए उन्हें भोजन अर्पित किया। तब से इसी 16 दिनों को पितृ पक्ष कहा जाने लगा।
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Jyoti

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