63 साल बाद रिपीट हुआ बर्फबारी का इतिहास, बर्फ में तब्दील मंदिर और बस

punjabkesari.in Wednesday, Sep 26, 2018 - 04:49 PM (IST)

कुल्लू: उम्मीदों के विपरीत हुई बारिश और बर्फबारी ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं। सितम्बर महीने में रोहतांग दर्रे में 4 फुट से अधिक बर्फबारी बारे किसी ने सोचा भी नहीं था। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के मुताबिक विशेषज्ञों से चर्चा में पता चला है कि इससे पहले 1955 में ऐसी बर्फबारी हुई थी। अब 63 वर्षों के बाद बर्फबारी का वही इतिहास रिपीट हुआ है। मौसम की सर्जिकल स्ट्राइक ने कहर बरपाया है। आधिकारिक तौर पर 15 नवम्बर से रोहतांग को वाहनों की आवाजाही के लिए बंद कर दिया जाता है।

इस बार रोहतांग में सितम्बर महीने में ही 4 फुट से ज्यादा बर्फबारी ने बिना तैयारियों के बैठे सरकार, प्रशासन व लोगों की मुश्किलें कई गुना बढ़ा दी हैं। मंगलवार शाम को गिरी बर्फबारी कई बार दूसरे दिन ही पिघल गई और वाहनों की आवाजाही सुचारू रही। इस बार सब कुछ उम्मीदों के विपरीत हुआ। मुख्यमंत्री के हवाई दौरे के दौरान रोहतांग में बर्फ में फंसी एक बस भी कैमरे में कैद हुई। मंदिर भी बर्फ में छिप गया। बस में सवार लोग किसी तरह कोकसर की ओर निकले और अपनी जान बचाई। 


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Ekta

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