प्रात: 4 बजे सो रहे लोगों के घरों में घुस आया बाढ़ का पानी

punjabkesari.in Wednesday, Sep 26, 2018 - 08:29 AM (IST)

फिल्लौर(भाखड़ी): सतलुज दरिया में गत शाम रोपड़ से छोड़े गए करीब 75 हजार क्यूसिक पानी से दरिया का जल स्तर 1 लाख क्यूसिक से बढ़ गया जिससे दरिया के साथ लगते सैंकड़ों घरों व खेतों में प्रात: 4 बजे पानी घुस गया। दरिया के ऊपर बने रेलवे पुल के पिल्लरों का ज्यादातर भाग पानी में डूब चुका है। 

प्रशासन ने गत दिवस सतलुज दरिया के साथ लगते करीब 25 गांव में बाकायदा अनाऊंसमैंट करवा कर लोगों से घरों को खाली कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचने के लिए कहा था, लेकिन उसके बावजूद कुछ लोग जो दरिया के बिल्कुल किनारे पर घर बनाकर रह रहे थे, वे छोड़ने को तैयार नहीं हुए जिसका खमियाजा इन लोगों को प्रात: 4 बजे चुकाना पड़ा। सबसे पहले गांव झंडी पीर में दरिया के किनारे बने घरों में पानी दाखिल होना शुरू हो गया जिससे लोगों में अफरा-तफरी मच गई।

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परिवार के लोग बच्चों को गोद में उठाकर सुरक्षित स्थान की तरफ  निकलने लगे।  हालात इस कदर नाजुक हो गए कि उन लोगों को यह समझ नहीं आ रहा था कि वे पहले अपनी जान बचाएं या तबेले में बंधी भैंसों को सुरक्षित स्थानों की तरफ  निकालें। गांव निवासी रूप लाल  नंद लाल, लाल जी, राम सरूप व  कृष्ण कुमार ने बताया कि उनके घर की महिलाएं बच्चों को सुरक्षित स्थान की तरफ  ले गईं जबकि वे गायों और भैंसों को बचाकर निकाल लाए। 

जान जोखिम में डाल घरों से सामान निकालने में लगे रहे लोग 
कई लोग जान जोखिम में डालकर घरों में पड़ी चारपाईयां और कपड़ों से भरे लोहे के बक्से निकालने में जुटे रहे जबकि  महिलाओं दरिया के किनारे ही चूल्हा जला कर अपने परिवार के लिए खाना बनाने में जुटी रही। यही हाल स्थानीय दरिया के  नजदीक रह रहे चरवाहे गुुजरों के परिवार वालों के साथ भी हुआ जिनके घरों के अंदर पूरी तरह से पानी घुस चुका था उसके बावजूद वे अपना घर छोड़ नहीं रहे थे। PunjabKesari

एस.डी.एम. व तहसीलदार ने किया बाढग्रस्त गांवों का दौरा 
एस.डी.एम. वरिंदर बाजवा, तहसीलदार तपन भनोट ने दरिया के साथ लगते गांवों का दौरा कर बताया कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। जो लोग दरिया के भीतर पड़ती जमीन पर खेती करते थे, उनकी फसलों का नुक्सान हुआ है जबकि दरिया के बाहर खड़ी फसलें पूरी तरह से सुरक्षित है। जिस प्रकार मौसम आज पूरा दिन साफ  रहा उससे दरिया में छोड़ा गया पानी धीरे-धीरे कम होना शुरू हो जाएगा। PunjabKesari


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