आधी दिल्ली के बराबर समंदर में समा गया ग्लेशियर, वीडियो देख थम जाएंगी सांसें

punjabkesari.in Tuesday, Sep 25, 2018 - 10:56 AM (IST)

लंदन:  ग्लोबल वॉर्मिंग के खतरनाक प्रभाव के कारण पूरी दुनिया में समुद्र का जलस्तर बढ़ने की आशंका लगातार बनी हुई है। इस साल हेलहेम ग्लेशियर का बहुत बड़ा हिस्सा टूटकर समुद्र में समा गया है, जो बड़ी चिंता की बात है। इस घटना के समय वहां उपस्थित रहे वैज्ञानिक डेविड ओलांद का कहना है कि इस टूटने वाले हिस्से को अगर एक शहर के बराबर मानें तो ये अमेरिका के सबसे बड़े शहरों में से एक मैनहट्टन का एक-तिहाई है।
PunjabKesari
मैनहट्टन का कुल क्षेत्र 60 किमी स्क्वेयर के बराबर है। यानी करीब 20 किमी स्क्वेयर का हिस्सा समुद्र में समा गया। वहीं, हम राजधानी दिल्ली की बात करें तो दिल्ली का क्षेत्रफल 47 किमी स्क्वेयर है। ग्लेशियर डूबने का दृश्य कैमरे कैद करने वाले लुकास जैकसन का कहना है कि ये सांसें थमा देने वाला दृश्य था। हम प्रकृति का ऐसा दृश्य देखकर स्तब्ध थे। दरअसल, हम ग्लेशियर के पिघलने से समुद्र के स्तर को बढ़ते हुए देखना चाहते थे।
 

ग्लेशियर के इस टुकड़े के पिघलने की घटना 22 जून को हुई। अब ओलांद और दूसरे पर्यावरण विज्ञानी ये अध्ययन कर रहे हैं कि अंटार्कटिका और ग्रीनलैंड के ग्लेशियर पर कितना और किस तेजी से ग्लोबल वॉर्मिंग का असर हो रहा है। हालांकि, अभी ये पता नहीं चला है कि इस तरह से हर साल ग्लेशियर के पिघलने से कितनी बड़ी मात्रा में समुद्र का जल स्तर बढ़ रहा है। वैज्ञानिकों का अभी ज्यादा फोकस ग्रीनलैंड के ग्लेशियर पर है, क्योंकि कहा जा रहा है कि अंटार्कटिका के मुकाबले यहां के ग्लेशियर को ज्यादा खतरा है। अंटार्कटिका में मौसम अपेक्षाकृत ज्यादा ठंडा होने से वहां के ग्लेशियर को खतरा कम है।
 

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Tanuja

Recommended News

Related News