खतरे के निशान तक पहुंचा सतलुज का जल स्तर, 25 गांवों को खाली करने के आदेश

punjabkesari.in Tuesday, Sep 25, 2018 - 10:24 AM (IST)

फिल्लौर(भाखड़ी): लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से स्थानीय सतलुज दरिया का जल स्तर 15 हजार क्यूसिक से बढ़ कर शाम 5 बजे तक 25 हजार क्यूसिस (खतरे के निशान) तक पहुंच गया। अधिकारियों को सूचना मिली कि रोपड़ से सतलुज दरिया में 75 हजार क्यूसिस पानी और छोड़ा जा रहा है। इससे बाढ़ जैसे हालात बन जाएंगे। इससे निपटने के लिए डिप्टी कमिश्नर जालंधर ने फिल्लौर पहुंचकर दरिया का निरीक्षण किया। इसके अलावा दरिया के साथ लगते 25 गांव में लोगों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने की अनाऊंसमैंट करवाई।

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जिलाधीश जालंधर वरिंदर कुमार शर्मा, एस.डी.एम. फिल्लौर वरिंदर बाजवा, तहसीलदार तपन भनौट के साथ दरिया का निरीक्षण करने पहुंचे। इससे पहले एस.डी.एम. बाजवा ने दरिया के साथ लगते 25 गांवों का दौरा कर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने के लिए अनाऊंसमैंट करवानी शुरू कर दी। अधिकारियों ने बताया कि एक महीना पहले भी सतलुज दरिया में रोपड़ से एक लाख क्यूसिस पानी छोड़ा गया था जिससे गांव मौ साहिब के पास बांध टूट गया था। अधिकारियों ने गांव वासियों की मदद से समय रहते बांध तैयार कर पानी को गांव में दाखिल होने से रोक लिया था। 

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भाखड़ा डैम का जलस्तर 1655.71 फीट पर पहुंचा
नंगलः हिमाचल के ऊपरी क्षेत्रों में हो रही भारी बारिश के कारण भाखड़ा डैम की गोबिंद सागर झील में भी पानी बड़ी मात्रा में बढ़ रहा है। वहीं भाखड़ा डैम का जलस्तर 1655.71 फीट पर पहुंच गया है जिसके चलते नंगल/श्रीआनंदपुर साहिब के एस.डी.एम. हरबंस सिंह ने सतलुज किनारे रहने वाले लोगों को अलर्ट रहने की चेतावनी दी है। उन्होंने लोगों को नदी नालों के पास न जाने की सलाह दी है। 

सूत्रों के मुताबिक आज गोबिंद सागर झील में पानी की आमद 77,000 क्यूसिक से भी अधिक दर्ज किया गया है जिसके चलते भाखड़ा का जलस्तर शाम को 5 बजे तक 1655.71 से भी अधिक फीट तक पहुंच गया और पानी की आवक लगातार जारी है। अगर ऊपरी क्षेत्र में बारिश की स्थिति ऐसी ही बनी रही तो भाखड़ा डैम में जलस्तर और तेजी से बढ़ेगा।

प्रशासन ने बाढ़ से निपटने के लिए उठाए कदम

जिलाधीश के साथ दरिया का दौरा करने पहुंचे तहसीलदार तपन भनौट ने बताया कि मौसम विभाग द्वारा 2 दिन और बारिश जारी रहने की चेतावनी दी है। अगर दरिया का जल स्तर बढने से दरिया के साथ लगते गांव में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा होती है तो उससे निपटने के लिए उन्होंने पूरी तरह से कमर कस ली है। वह मिलिट्री के आला अधिकारियों से बैठक कर चुके है। उसके अलावा उन्होंने पानी में चलने वाली बेड़ीयां व लाइफ जैकेट मंगवा ली है। 18 स्थानों पर आप्रेशनल सैंटर खोल दिए गए हैं जिसमें माहिर डाक्टरों की टीमें तैनात कर दी गई है। बड़ी संख्या में प्लास्टिक की तिरपालें मंगवा कर जमा कर ली है। उन्होंने दरिया के साथ रहने वाले लोगों से अपील की कि वह तुरंत सुरक्षित स्थानों पर पहुंच जाएं। पीछे से देर रात पानी छोडऩे पर हालात खतरनाक हो सकते है। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में चल रही है।

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1680 फीट पानी तक कोई खतरा नहीं
डिप्टी चीफ इंजी. एच.एल. कंबोज के मुताबिक भाखड़ा डैम में 1680 फीट तक पानी की क्षमता है और अभी खतरे की बात नहीं है। फिर भी प्रशासन ने पानी के स्तर पर नजर रखी है। भाखड़ा डैम से विद्युत उत्पादन के लिए टर्बाइनों के माध्यम से 9788 क्यूसिक पानी छोड़ कर 104.29 लाख यूनिट विद्युत उत्पादन किया गया है। पिछले वर्ष आज ही के दिन भाखड़ा बांध का जलस्तर 1668.39 दर्ज किया गया था। डैम में अभी भी 25 फीट पानी के भरने की क्षमता है। 


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