इस विवि में दाखिला लेने जा रहे हैं तो जरूर पढ़ें ये खबर, आपके भविष्य के साथ हो सकता है खिलवाड़
9/24/2018 7:23:17 PM
उज्जैन: विक्रम विश्वविद्यालय में MBBS के परीक्षा फॉर्म जांचने के नाम पर लाखों रुपए की ठगी की गई है। इस पूरी प्रक्रिया और पैसों के वितरण में काफी गड़बड़ी पाई गई है। इस विश्वविद्यालय में पांचवीं पास भृत्य MBBS के विद्यार्थियों के परीक्षा फॉर्म जांच रहा है। और वह रसोइया के पद पर भी पदस्थ है। कर्मचारियों में बांटे गए पैसों में उनकी योग्यता और उनके पद का कोई पैमाना नहीं माना गया। सिर्फ अधिकारियों के करीबी होने का फल मिला। विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. परीक्षित सिंह काफी समय पहले रिटायर हो गए। ऐसे में एक उच्चाधिकारी के करीबियों को 10 से 11 हजार रुपए बिना काम के मिल गए। इस पर कुलपती मे भी ध्यान नहीं दिया।
कुलपति प्रो. एसएस पांडे छोटे-बड़े भुगतान के साथ ही कर्मचारियों की अवकाश संबंधी प्रक्रिया तक के नियमों का पूरा ध्यान रखते हैं, लेकिन कर्मचारियों को हुए अतिरिक्त भुगतान में एक बार फिर ऑफिस से बड़ी चूक हो गई। प्रभारी कुलसचिव डीके बग्गा ने कहा कि यह भुगतान प्रक्रिया काफी पुरानी है। इसी के तहत भुगतान किया जाता है। लेकिन भुगतान संबंधी नियमों की जानकारी देने वाला यहां कोई भी नहीं है।
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