32 की उम्र में गई सोने, उठी तो हो गई 15 साल की, सच्चाई उड़ा देगी होश

punjabkesari.in Monday, Sep 24, 2018 - 12:32 PM (IST)

लंदनः  ब्रिटेन में एक लड़की का एेसा अनोखा मामला सामने आया है, जिसे सुनकर हर कोई हैरान है कि क्या एेसा मुमकिन है। इस साल अप्रैल में ब्रिटेन के शहर मैनचेस्टर में एक सुबह नाओमी जैकब्स उठीं तो उन्हें याद ही नहीं था कि वो कौन हैं। वो एक छोटे-से घर में जागीं और हैरान रह गईं। जब वो जागीं तो ख़ुद को उन्होंने 15 साल की लड़की पाया, जबकि उनकी उम्र थी 32 साल थी। वो जागीं 2008 में, लेकिन उनके लिए ये साल था 1992। यानी वो पिछली सदी में आ गई थीं। नाओमी जैकब्स की ये स्टोरी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। कहानी की सच्चाई जानकर लोगों के होश उड़ रहे हैं। 
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नाओमी जैकब्स ने बताया, "पहले कुछ सेकंड तो मैंने सोचा कि मैं अभी भी सपना देख रही हूं, लेकिन ये तो एक बुरा सपना था। मैं जिस कमरे में जागी, वो भी पहचान में नहीं आ रहा था। मुझे याद है कि मैंने जो पहली चीज़ देखी, वह परदे थे और मुझे वे भी पहचान में नहीं आए। अलमारी, वो बिस्तर जिस पर मैं लेटी थी और कमरे, सब कुछ अजीब था। मैंने एक पायजामा पहना हुआ था, जिसे मैंने पहले कभी नहीं देखा था। मैंने ख़ुद को शीशे में देखा, मेरा चेहरा बदल गया था। चेहरा पीला पड़ा था और मैं उम्रदराज़ दिख रही थी। जब मैंने पहली बार ज़ोर से बात की तो मुझे मेरी आवाज़ बहुत अलग लगी। मुझे लग रहा था कि मैं 15 साल की हूं। मेरी सभी भावनाएं 15 साल की लड़की की थीं और मैंने सोचा कि यह साल 1992 है।" लेकिन यह 1992 नहीं था और नाओमी 15 साल की नहीं थीं। यह 2008 था और वो तब 32 साल की थीं।  नाओमी पिछले डेढ़ दशक की अपनी सारी याद्दाश्त खो चुकी थीं। 
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नाओमी को अब 21 वीं शताब्दी की नई चुनौतियों का सामना करना था। 21वीं शताब्दी के जीवन, तकनीक और संस्कृति का। जिस साल वो ख़ुद को समझ रहीं थीं, उसमें ना तो इंटरनेट था, ना सोशल मीडिया और ना ही स्मार्टफ़ोन। उनकी वास्तविकता के हिसाब से तो दक्षिण अफ्रीका में नस्लीय राजनीतिक और सामाजिक व्यवस्था अभी भी बनी थी और नेल्सन मंडेला का स्वतंत्रता आंदोलन अभी खत्म नहीं हुआ था। इराक में सद्दाम हुसैन सत्ता में थे, जबकि इंग्लैंड में राजकुमारी डायना के प्रशंसक बढ़ते जा रहे थे और संयुक्त राज्य अमरीका में किसी अश्वेत का 'व्हाइट हाउस' तक पहुंचने की इच्छा रखना एक सपने जैसा था। नाओमी याद करती हैं, "वाह, मैं यक़ीन नहीं कर पा रही थी। मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि मैं अपनी ज़िंदगी में ऐसा होता देखूंगी। पहले तो मैंने सोचा कि ये कोई मज़ाक है, ये ओबामा कौन हैं? क्या वो वाकई में हैं? लेकिन सबसे मुश्किल था ख़ुद को इस हक़ीक़त से रूबरू करना कि वो लियो नाम के एक 10 साल के लड़के की मां थी।"
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नाओमी जब 15 साल की थीं तो एक पत्रकार या लेखक बनना चाहती थीं। दुनिया भर में घूमना चाहती थी और एक बड़े घर में रहना चाहती थी। लेकिन उन्होंने पाया कि वो एक सिंगल पेरेंट थीं, जो अपने खर्च के लिए सरकार पर निर्भर थी। वह बेरोज़गार थी और मनोविज्ञान की पढ़ाई कर रही थी, जिसे पढ़ने के बारे में 15 साल की नाओमी ने सोचा भी नहीं था। उन्होंने महसूस किया कि वर्तमान में जीने के लिए उन्हें अपने अतीत को बदलना पड़ेगा। इसलिए उन्हें  पता लगाना था कि कैसे ख़ुद को ठीक किया जा सकता है। नाओमी जैकब्स को सबसे पहले तो ये पता करना था कि आख़िर ऐसा हुआ कैसे, वह ऐसी स्थिति में पहुंची कैसे ?"

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थोड़ा खोजने पर उन्हें बिस्तर के नीचे समाचार पत्रों से भरा एक बक्सा मिला, जिसमें उनके खोए हुए 16 साल की यादें थीं और उनके सवालों के जवाब भी। समाचार पत्रों के लिए लिखे लेखों में काफ़ी कुछ था। उन्हें पता चला कि उन्हें ड्रग्स की आदत थी और एक बार वो बेघर भी हो गई थीं। उस पल सब कुछ बदल गया जब मैंने उन समाचार पत्रों में पढ़ा कि एक बच्चे के रूप में मेरा यौन शोषण किया गया था और मैंने उस बुरी याद को 6 साल की उम्र से 25 साल तक की उम्र तक दफ़ना कर रखा था।" यह कल्पना करना मुश्किल है कि जो लड़की इस वक्त 15 साल की उम्र में खुद को महसूस कर रही है, उसे अपनी ही कड़वी याद को अपने ही लेखों में पढ़ना कैसा लग रहा होगा, जो उसने 25 साल की उम्र में लिखा था।

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हालांकि, अभी भी कई सवालों के जवाब बाक़ी थे, जैसे उन्हें 1992 और 2008 के बीच की अपनी ज़िंदगी क्यों याद नहीं है? क्या हुआ था जब वो 15 साल की थीं? आखिर 15 साल की उम्र ही क्यों? नाओमी कहती हैं कि मेरे सौतेले पिता ने हमें छोड़ दिया था। मेरी मां के साथ मेरा रिश्ता टूट गया था। समाचार पत्रों के मुताबिक़, नाओमी की मां शराब की लत की शिकार थीं और उन दोनों के बीच काफ़ी झगड़ा हुआ था। नाओमी बताती हैं, "उस झगड़े के बाद मां पीने लगीं और मैंने ख़ुद को मार डालने की कोशिश की।15 साल की उम्र में मैंने जो फ़ैसले लिए, उऩसे ही मेरी ज़िंदगी की दिशा तय हुई।"

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काफी परेशानी के बाद वह इस स्थिति से निकलने के लिए एक अच्छे मनोचिकित्सक से मिलीं और उन्हें सब बताया। अपनी ज़िंदगी की लगभग पूरी कहानी पर उन्होंने काफ़ी रिसर्च किया, अपने सहयोगियों से बात की और सभी इस बात पर सहमत हुए कि मुझे डिसोसिएटिव एमनिज़िया था।" यह एक दुर्लभ प्रकार का एमनिज़िया होता है। उनकी याददाश्त नहीं खोई थी, लेकिन गंभीर तनाव के कारण उनके दिमाग़ को झटका लगा था। बीमारी का पता लगने पर उन्हें थोड़ी राहत महसूस हुई। उपचार के बाद  एक सुबह,अपनी यादों को खोने के लगभग तीन महीने बाद नाओमी जागीं तो एकदम अलग महसूस कर रही थीं। उनकी याद्दाश्त वापस आ गई थी और उन्हें पता था कि वो 32 साल की हैं और वो साल 2008 था। अपनी बीमारी को लेकर नाओमी ने 'द फ़ॉरगॉटन गर्ल' नाम की एक किताब भी लिखी है। 

 


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Tanuja

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