मकान की समस्या से जूझ रहे इस देश के लोग, किराया जान उड़ जाएंगे होश

punjabkesari.in Sunday, Sep 23, 2018 - 05:29 PM (IST)

बर्लिनः यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जर्मनी में जहां लोगों को रोटी और कपड़े की कोई कमी नहीं वहीं मकान मुसीबत बन रहे हैं। किराए और प्रॉपर्टी के दाम इतनी तेजी से बढ़ रहे हैं कि जर्मन लोगों को पसीना छूट रहा है जिस कारण सरकार दबाव में है। जर्मन चांसलर अंजेला मार्केल ने कहा है कि आने वाले सालों में 15 लाख नए घर बनाए जाएंगे। सरकार इस पर पांच अरब यूरो यानी 424 अरब रुपए खर्च करने की योजना बना रही है।

सबसे बड़ी जरूरत ऐसे किफायती घर बनाने की है जो कम आमदनी वाले लोगों की पहुंच में भी हों। आठ करोड़ लोगों के साथ जर्मनी यूरोप में सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है। शरणार्थियों की समस्या और मजबूत होती दक्षिणपंथी सियासत पर चिंताओं से इतर देश की अर्थव्यवस्था चकाचक है। बेरोजगारी की दर साढ़े 3 प्रतिशत से भी कम है। नौकरियों की कोई कमी नहीं है, बल्कि कमी काम करने वालों की है लेकिन मकानों का संकट सिरदर्द बनता जा रहा है। रोजगार और पढ़ाई के बेहतर अवसर लोगों को जर्मन शहरों की तरफ ला रहे हैं। लेकिन जिस तेजी से शहरों की आबादी बढ़ रही है, उस तेजी से मकान नहीं बनाए जा रहे हैं।

यही वजह है कि जर्मनी में मकानों की किल्लत हो रही है। जिन शहरों में मकानों का किराया सबसे ज्यादा है उनमें म्यूनिख, कोलोन, श्टुटगार्ट, हैमबर्ग, फ्रैंकफर्ट और बर्लिन शामिल हैं। एक जमाना था जब बर्लिन अपने कम किराए की वजह से दुनिया भर के लोगों को आकर्षित करता था। लेकिन अब सब कुछ बदल गया है। लोगों को मकान तलाशने के लिए दर दर भटकना पड़ता है, जबकि दस साल पहले तक जर्मन राजधानी में किराए का मकान ढूंढना ज्यादा मुश्किल काम नहीं समझा जाता था। इन दस सालों में मकानों के किराए भी लगभग दो गुने हो गए हैं।यहां एक कमरे के मकान के लिए अब करीब 75,000 रुपए देने पड़ रहे हैं।

इस साल मई में बर्लिन में ही पुलिस को उस समय दखल देना पड़ा जब बढ़ते किरायों के विरोध में 56 लोग खाली इमारतों में डेरा जमा कर बैठ गए। इससे पहले अप्रैल में दस हजार लोगों ने मकानों की किल्लत के खिलाफ सड़कों पर आकर प्रदर्शन किया।  बड़े शहरों में यह संकट कुछ ज्यादा है, लेकिन इसे महसूस पूरे देश में किया जा रहा है। जर्मनी के संघीय बैंक बुंडेसबांक की एक रिपोर्ट कहती है कि पिछले एक साल में राष्ट्रीय स्तर पर मकान के किरायों में 7.2 प्रतिशत का इजाफा हुआ है जबकि प्रॉपर्टी के दाम भी 15 से 30 प्रतिशत तक बढ़े हैं। ऐसे में, खतरा इस बात को लेकर है कि जब कीमतों का यह बुलबुला फूटेगा तो रियल एस्टेट सेक्टर का क्या हाल होगा। 


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Tanuja

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