जो मच्छर कान में गाते हैं वो हैं ‘मलेरिया’ के, सुबह जो मच्छर पैरों में काटते हैं वो होते हैं ‘डेंगू’ के
punjabkesari.in Sunday, Sep 23, 2018 - 04:57 PM (IST)
अमृतसर(स.ह.) : बदलते मौसम में अक्सर अस्पतालों में ‘बुखार के डाक्टर कहां बैठते हैं’? यह सवाल सबसे ‘कॉमन’ होता है, हो भी क्यूं ना। इन दिनों मलेरिया इतना ‘वायरल’ हो जाता है कि संभलते-संभलते ‘जान’ ले लेता है। मच्छरों की दबंगई पर फिल्मों में डायलॉग बोले गए हैं जोकि आज भी लोग अक्सर कहते हैं एक मच्छर... आदमी को... बना देता है। डरते तो जिले के मलेरिया अफसर भी हैं, लेकिन कहते हैं कि मच्छरों से ‘डरना’ चाहिए और मच्छरों का ‘इलाज’ करना चाहिए। क्योंकि जो मच्छर रात में कानों में ‘गीत’ सुनाते हैं वो दरअसल मलेरिया के होते हैं, जबकि डेंगू का मच्छर सदैव सुबह काटता है। ऐसे में सोते समय जुराबें जरूर पहनें। घर से बाहर पूरी बांह की कमीज पहन कर निकलें। सितम्बर से नवम्बर तक डेंगू जहां अपने जाल फैलाता है वहीं मलेरिया के मच्छर भी आपके कानों में पहले ‘पहर’ की नींद उड़ा देते हैं।
मच्छरों से कैसे बचा जा सकता है, यह हम सभी जानते हुए भी ‘मानते’ नहीं है। घर पर पड़ा कूड़ा, कूलर की 3 हफ्तों से सफाई का न होना, छत पर झाड़ू न लगना यह सब चीजें ऐसी हैं जो हमें अपनानी चाहिए। 2 पड़ोसी ठान लें कि दोनों घरों के आसपास कोई गंदगी नहीं रहेगी तो धीरे-धीर पूरा मोहल्ला राह पकड़ लेगा, लेकिन हम लोगों में ज्यादातर हमेशा रात में कूड़ा पड़ोसियों के घर के आगे फेंकने वालों में से हैं। आदतें बदलें तभी इंसान के सबसे बड़े दुश्मन मच्छरों से आप निपट सकेंगे। अगर ऐसा कुछ नहीं होता है तो मारते रहिए अकेले बैठ कर एक-एक मच्छर।
कपड़ों के ‘फैशन’ करने वाले ‘मलेरिया’ के निशाने पर
- कपड़ों के फैशन करने वाले मलेरिया के निशाने पर सबसे अधिक होते हैं। मच्छर जैसे ही इन दिनों काटता है, मलेरिया के कीटाणु तुरंत सक्रिय हो जाते हैं। गांव के छप्पड़ के करीब हो या शहर की सड़क या गटर के पास जमा पानी, ये मच्छर ऐसे स्थानों पर छिपे रहते हैं और कब कहां काट जाए पता नहीं चलता। ऐसे में गर्दन के नीचे का शरीर का अंग कपड़ों से ढका होना चाहिए। ऐसे में फैशन में अगर आप लीन हैं तो जरा सचेत रहें, फैशन करें लेकिन जिंदगी को दाव पर लगाकर नहीं।
मलेरिया के लक्षण
- ज्यादा तेज सिर दर्द, उल्टी और दस्त।
- अचानक ठंड लगना, बार-बार प्यास लगना।
- हाथ-पैर में कंपकंपी, शरीर में दर्द।
- बुखार का आना-जाना लगा रहना।
मलेरिया से बचाव
- स्वच्छ घर, स्वच्छ शहर।
- खान-पान साफ रखो, संक्रमित आहार से बचो।
सबसे ज्यादा पढ़े गए
Recommended News
Recommended News
Rang Panchami : रंग पंचमी पर कर लें यह उपाय, मां लक्ष्मी का घर में होगा वास
Rang Panchami: रंगपंचमी पर धरती पर आएंगे देवी-देवता, इस विधि से करें उन्हें प्रसन्न
मैड़ी मेले में आए अमृतसर के श्रद्धालु की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत, पुलिस जांच में जुटी
पति ने खेला खूनी खेल, सोए अवस्था में पत्नी और तीन मासूम बच्चियों की धारदार हथियार से की हत्या