हेल्पलेस हुई हेल्पलाइन, न कोई जांच न ही कार्रवाई

9/23/2018 11:28:32 AM

इंदौर :  बसों में सामान और यात्रियों की ओवरलोडिंग कर जान से खिलवाड़ करने वालों की शिकायत के लिए आरटीओ अधिकारियों ने हेल्पलाइन तो शुरू कर दी। लेकिन न ही इस पर की गई शिकायतों की जांच होती है और न ही कार्रवाई। चंद रुपयों की कमाई करने के लिए बस संचालक और स्टाफ लोगों की जान खतरे में डालकर ओवरलोडिंग कर नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं और अधिकारी आंखें मूंदे बैठे हैं। हेल्पलाइन के माध्यम से कितनी शिकायतें आईं, कितनी कार्रवाई हुई स्थानीय स्तर पर इसकी जानकारी तक नहीं है। 

PunjabKesari2017 में हुई एक हजार से ज्यादा शिकायतें योजना शुरू करते समय कहा गया था कि इसका संचालन और क्रियान्वयन परिवहन मंत्री के निर्देशन में होगा लेकिन इसे लेकर भी बड़ी लापरवाही बरती जा रही है। कहा जा रहा था कि फोटो, गाड़ी की नंबर प्लेट का फोटो, समय और तारीख के साथ शिकायत करने पर निश्चित रूप से कार्रवाई होगी। इस बात को ध्यान में रखकर 2017 में बड़ी संख्या में लोगों ने शिकायत की। बताया जा रहा है कि एक हजार से ज्यादा लोगों की शिकायत फोटो के साथ की गई। लेकिन अधिकारी नाम की कार्रवाई भी नहीं कर सके। कहा जा रहा है कि शिकायत के बाद संबंधित क्षेत्र के अधिकारी मौके पर जाकर जांच कर चालान बनाते हैं। हर जिले में अलग-अलग कार्रवाई होती है इसलिए इसकी सामग्री की जानकारी नहीं होती। इंदौर आरटीओ ने दो सालों में कितनी कार्रवाई की या एक महीने में कितने चालान बनाए गए इसकी भी कोई अधिकृत जानकारी नहीं है।
PunjabKesariबसों में दोगुना भर रहे यात्री
ट्रक-ट्रालों और अन्य भारी वाहनों में बॉडी व केबिन के ऊपर तक माल भरा जा रहा है। इनमें तो ड़ेढ से दोगुना तक माल भरा ही जा रहा है। साथ ही बसों की छत पर भी भी नियमों के खिलाफ बड़ी मात्रा में माल लादा जा रहा है। हर बस पर बोरियां, बक्से और दूसरा सामान बंधा देखा जा सकता है। लम्बे रूट की हर बस को लोडिंग वाहन बना दिया गया है। इसके अलावा यात्रियों की ओवरलोडिंग भी की जा रही है। हर रूट की बसों में खुलकर ओवरलोडिंग हो रही है। तय सीटों से ज्यादा ड्रायवर केबिन, इंजिन तक पर यात्री बिठाए जा रहे हैं। यह सब अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहा है और शिकायतों को भी ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।

 


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suman

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