एक देश-एक चुनाव पर क्या बोलीं सुमित्रा महाजन, जानने के लिए पढ़ें खबर
punjabkesari.in Saturday, Sep 22, 2018 - 08:07 PM (IST)
शिमला: लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि एक देश-एक चुनाव पर चर्चा से ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकता है। इसके लिए संवैधानिक बंधनों और लाभ-हानि जैसे विषयों को ध्यान में रखा जाना जरूरी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह विषय चर्चा के लिए लाया गया है, न कि इस पर तुरंत अमल हो रहा है। चुनाव आयोग और नीति आयोग से भी इस विषय को लेकर चर्चा की गई है। उन्होंने कहा कि एक साथ चुनाव करवाए जाने से विकास कार्य के लिए उचित समय मिल सकेगा तथा सरकारी योजनाओं को प्रभावी तरीके से जमीनी स्तर पर क्रियान्वित किया जा सकता है। सुमित्रा महाजन शनिवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ भारतीय क्षेत्र-4 के पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन व कार्यशाला के दौरान संबोधित कर रही थीं।
विधानसभा के लिए भी बजट का अलग होना चाहिए प्रावधान
उन्होंने कहा कि लोकसभा की तरह राज्य की विधानसभा के लिए भी बजट का अलग प्रावधान होना चाहिए। उन्होंने इसको लेकर राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी पत्र लिखा है। उन्होंने हिमाचल प्रदेश की ई-विधान प्रणाली को सराहा तथा धर्मशाला के तपोवन में राष्ट्रीय ई-विधान अकादमी (एन.ई.वी.ए.) स्थापित करने के लिए हामी भरी। उन्होंने कहा कि लोकसभा के नए सदस्यों के साथ अधिकारियों सहित अन्य को प्रशिक्षण दिया जाना जरूरी है और हिमाचल प्रदेश में यह अकादमी खुले, इसके लिए गंभीरता से विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण से ही देश सशक्त होगा, ऐसे में महिलाओं को आगे आने का उचित अवसर मिलना चाहिए।
नशे पर लगाम लगाने के लिए बने अंतर्राज्यीय कमेटी
उन्होंने एक देश-एक चुनाव के अलावा सम्मेलन में चर्चा के लिए लाए गए दूसरे विषय नशे के कारोबार पर लगाम लगाने के लिए अंतर्राज्यीय कमेटी के गठन की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर, पंजाब और हरियाणा के साथ सीमावर्ती क्षेत्रों में नशे के कारोबार को रोकने के लिए सामूहिक प्रयास अच्छे परिणाम सामने ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को नशा सबसे अधिक प्रभावित कर रहा है, जिससे हमारे संस्कार और संस्कृति दोनों पर बुरा असर पड़ रहा है। उन्होंने नशे के खिलाफ जंग लडऩे में हिमाचल प्रदेश सहित अन्य राज्यों के एक साथ आने पर प्रसन्नता जताई।
यूरोप के साथ हुआ एम.ओ.यू.
उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था के अंतर्गत संसदीय प्रणाली की जानकारी देने के लिए यूरोप के साथ भी करार हुआ है। देश का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने के नाते भारत विश्व को इसकी जानकारी देने के लिए तैयार है। इसके लिए भारत इंटर्नशिप दे रहा है। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण नए चुनकर आए सांसदों के अलावा मीडिया के लिए भी आवश्यक है।
महाराष्ट्र में होगी सालाना बैठक
उन्होंने कहा कि आगामी जनवरी माह में महाराष्ट्र में सालाना बैठक आयोजित किए जाने का प्रस्ताव है। इसमें अन्य राज्यों के प्रतिनिधियों को शामिल होने का अवसर मिलेगा। उन्होंने लोकसभा और राज्य की विधानसभाओं में विकास के मुद्दे पर चर्चा की आवश्यकता पर बल दिया।
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