सड़क निर्माण में आधे-अधूरे कार्य पर भड़के ग्रामीणों ने की नारेबाजी

punjabkesari.in Saturday, Sep 22, 2018 - 06:59 PM (IST)

बरठीं: लोक निर्माण विभाग के मंडल घुमारवीं में स्थित अधिशासी अभियंता द्वारा लोगों की प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत बनाई गई सड़क के निर्माण कार्य में ठेकेदार द्वारा आधे-अधूरे छोड़े गए डंगों व निकासी नालियों के कार्य में बरती गई कोताही की मुख्यमंत्री को भेजी शिकायत को झूठी व आधारहीन बताए जाने पर लोग आग बबूला हो गए हैं। उन्होंने रोष जाहिर करने के लिए बरठीं-सरगल चौक से डूहक-मनण संपर्क सड़क पर उतरकर विभाग के खिलाफ नारे लगाए तथा विभाग व प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि 15 दिन के अंदर-अंदर आधे-अधूरे छोड़े गए डंगों के निर्माण कार्य व करोड़ों रुपए की सड़क में नजरंदाज की गई निकासी नालियों का कार्य शुरू नहीं किया गया तो लोग अपने हक हकूक की खातिर न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाने से गुरेज नहीं करेंगे।

क्या है मामला
1,46,84268 रुपए की राशि खर्च कर मात्र अढ़ाई किलोमीटर लंबी बनाई गई बरठीं-सरगल चौक से डूहक-मनण संपर्क सड़क का निर्माण कार्य वर्ष 2004-2005 में शुरू हुआ था। विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो 8-9 वर्षों तक इस संपर्क सड़क का कार्य कभी राजनीतिक द्वेष भावना के कारण ठंडे बस्ते में झूलता रहा तो कभी विभाग बजट न होने का बहाना लगाकर लोगों की बोलती बंद करने के कार्य को अंजाम देता रहा। 16 नवम्बर, 2014 में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत इस सड़क को बनाने का काम विभाग ने ठेकेदार को दिया। तब कहीं जाकर यह सड़क अब बन पाई लेकिन लोगों के अनुसार इस सड़क के डंगे अभी भी लगने शेष हैं व नालियां फसलों की बर्बादी का कारण बन रही हैं। निर्माण कार्य की जानकारी देने के लिए विभाग द्वारा मौके पर लगाए सूचना बोर्ड में इस सड़क के निर्माण कार्य को पूरा करने की समय अवधि 15 नवम्बर, 2015 दर्शायी गई है लेकिन विभाग की मानें तो निर्माण के दौरान कुछेक लोगों द्वारा बल्ह नामक स्थान पर डाली जा रही पुली के निर्माण कार्य में अड़ंगा डाल दिया तथा मामला कोर्ट में लटकने के कारण सड़क का निर्माण कार्य वर्ष 2016 में संपन्न हो पाया।

मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर लगानी पड़ी गुहार
स्थानीय लोगों का कहना है कि करोड़ों रुपए की लागत से बनाई गई यह संपर्क सड़क छोटे व बड़े वाहनों के लिए जोखिम भरी है। जिन स्थानों पर पैरापिट लगाए जाने अनिवार्य थे वहां ठेकेदार ने पैरापिट लगाए ही नहीं तथा जहां पैरापिट लगाने की जरूरत ही नहीं थी वहां पर पैरापिट लगाकर खानापूर्ति कर दी गई है। सड़क किनारे बनाई गई पानी की निकासी नालियां भी विभागीय मापदंडों के तहत नहीं बनाई गई हैं। परिणामस्वरूप सड़क के पानी की सही निकासी न होने के चलते बरसात में लोगों की जमीनें भू-स्खलन के कारण तबाह हो गईं, खेत-खलिहानों में निकासी नालियों का पानी छोडऩे से किसानों को फसल से हाथ धोने पड़ रहे हैं। विभाग ने जब उनकी शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं की तो लोगों को थक-हारकर अपनी गुजारा मात्र जमीनों की सुरक्षा व जान-माल की सुरक्षा के मद्देनजर प्रदेश मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर समस्या के निदान हेतु गुहार लगानी पड़ी।

विजीलैंस विभाग से करवाई जाए जांच
लोगों ने बताया कि मुख्यमंत्री कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार अधिशासी अभियंता घुमारवीं ने जवाब में मुख्यमंत्री कार्यालय को लोगों की शिकायत को झूठी व आधारहीन बताया है। इस जवाब से गुस्साए लोगों ने इस सड़क के निर्माण पर खर्च की गई करीब डेढ़ करोड़ की धनराशि में लाखों रुपए गोलमाल करने की आशंका जताते हुए मुख्यमंत्री से सड़क निर्माण मामले की विजीलैंस विभाग से निष्पक्ष जांच करवाने की मांग कर डाली है।

विभाग करेगा सड़क का निरीक्षण
इस बारे में लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता हमीरपुर बी.आर. धीमान का कहना है कि इस सड़क निर्माण कार्य में ठेकेदार द्वारा विभाग की नाक तले पुलियों, पैरापिटों व निकासी नालियों में मनमाना रवैया अपनाते हुए लाखों रुपए गोलमाल की पहले भी शिकायतें मिल चुकी हैं। शीघ्र ही विभाग इस संपर्क सड़क का स्वयं निरीक्षण करेगा तथा जहां-जहां भी सड़क निर्माण कार्य में ठेकेदार द्वारा कोताही बरतने का मामला सामने आएगा ठेकेदार व विभाग के कर्मचारियों जो भी छानबीन में दोषी पाए जाएंगे विभागीय नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।


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Vijay

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