फिर शुरू होगा राम मंदिर निर्माण के लिए आंदोलन, संतों की बैठक में हो सकता है बड़ा ऐलान

punjabkesari.in Saturday, Sep 22, 2018 - 03:56 PM (IST)

लखनऊ\अयोध्या: राममंदिर आंदोलन अक्टूबर महीने में फिर शुरू हो सकता है। संतों की समिति 5 अक्टूबर को राममंदिर निर्माण के लिए कार सेवा का एेलान कर सकती है। विश्व हिंदू परिषद ने 5 अक्टूबर को संतों की उच्चाधिकार समिति की बैठक बुलाई है। संतों की इस समिति में देश भर के 36 प्रमुख संतों को आमंत्रित किया गया है। हालांकि, अभी अयोध्या विवाद का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर मंदिर निर्माण का मुद्दा चर्चा में है। अभी कुछ दिन पहले ही आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने राम मंदिर के निर्माण में कानूनी अड़चन के कारण हो रही देरी को एक तरफ रखते हुए कहा था कि सामान्य जनता इसके लिए धैर्य नहीं रख सकेगी, इसलिए अयोध्या में जल्द से जल्द मंदिर का निर्माण होना चाहिए।

PunjabKesariउन्होंने कहा था कि अगर समाज के सभी लोग सत्य को समझना चाहें और उसे स्वीकार करने के लिए तैयार हों तो किसी भी मुद्दे का एक शांतिपूर्ण हल किया जा सकता है। लेकिन राम मंदिर जैसे गंभीर विषय पर इस तरह के तर्क देना कि राम यहां पैदा ही नहीं हुए, यह बात आपसी सामंजस्य को खत्म करती है और इससे टकराव का रास्ता तैयार हो जाता है। इससे बचना चाहिए। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने एक पत्रकार की किताब के विमोचन के मौके पर कहा था कि इस पूरे विवाद में इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता कि अयोध्या में राम मंदिर ध्वस्त हुआ है। जब हम इस पर बातचीत करेंगे तो आप उस घटना से मुंह नहीं मोड़ सकते हैं, जो 600 साल पहले घटी थी।

PunjabKesariराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास जी महाराज ने दो टूक कहा है कि केंद्र सरकार का कार्यकाल पूरा होने से पहले अगर राम मंदिर नहीं बना तो भाजपा तथा मोदी, दोनों को नुकसान उठाना पड़ेगा। जनता ने शासन के साथ-साथ राम मंदिर के लिए भाजपा को केंद्र व प्रदेश में सत्ता सौंपी। इसलिए सरकार को जनता और धर्माचार्यों की भावनाओं को देखते हुए अति शीघ्र राम का भव्य मंदिर बनवाना चाहिए। नृत्यगोपाल दास ने कहा कि केंद्र में मोदी की सरकार बहुमत में है। प्रांत में योगी की सरकार बहुमत में है। सारी जनता ने मोदी-योगी को राम जन्मभूमि के मंदिर निर्माण के लिए भेजा है। इसलिए दोनों सरकारों को मिलकर राम मंदिर का निर्माण बिना देरी किए प्रारंभ कर देना चाहिए, नहीं तो मोदी व भाजपा के लिए आगामी चुनाव घातक हो सकते हैं।


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