कांग्रेस के बने 2 गुट! रोमांचक हो सकते हैं धर्मशाला नगर निगम चुनाव

punjabkesari.in Saturday, Sep 22, 2018 - 03:04 PM (IST)

धर्मशाला (जिनेश): अक्तूबर में होने वाले धर्मशाला नगर निगम के मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव रोमांचक हो सकते हैं। जहां पर पहले चुनावों में यह दोनों पद कांग्रेस की झोली में थे। 17 वार्डों के नगर निगम धर्मशाला में पहली बार हुए चुनावों में 14 पार्षद कांग्रेस समर्थित हैं व मात्र 3 पार्षद भाजपा के हैं। इसके चलते मेयर व डिप्टी मेयर की सरदारी कांग्रेस के पाले में रही है। अक्तूबर में होने वाले मेयर व डिप्टी मेयर के चुनावों के लिए कांग्रेस व भाजपा में खींचातान शुरू हो गई है। अधिकतर पार्षद कांग्रेस के है तो मेयर व डिप्टी मेयर पद भी कांग्रेस समर्थित पार्षद का बताया जा रहा है। भाजपा की झोली में मात्र 3 ही पार्षद है, जिसमें एक पार्षद कांग्रेस खेमे की ओर उसका झुकाव नजर आ रहा है। सूत्रों की मानें तो यह चुनाव वैसे तो कांग्रेस की झोली में जाता हुआ दिख रहा है, लेकिन नगर निगम में बहुमत होने के बावजूद भी कांग्रेस के 2 गुट बताए जा रहे हैं। वहीं भाजपा समर्थित एक पार्षद का झुकाव कांग्रेस की ओर होने के चलते 2 ही पार्षद शेष रह जाते हैं।

कांग्रेस के बने नगर निगम में 2 गुट

रोचक तथ्य जो इस चुनाव से पहले यह सामने आ रहा है कि वह बहुमत होने के बावजूद कांग्रेस के 2 गुट बताए जा रहे हैं। इन गुटों के सामने आने के बाद अब बहुमत के आंकड़ें भी बदल गए है। जानकारी के मुताबिक नगर निगम धर्मशाला के कुल 17 वार्ड हैं तथा मेयर व डिप्टी मेयर पद पर सरदारी के लिए एक तिहाई बहुमत जरूरी है। सूत्रों की मानें तो पार्षदों के गुट बनने के चलते यदि दोनों ही पदों पर मात्र 2-2 ही उम्मीदवार अपनी दावेदारी पेश करते हैं तो बहुमत 8/9 होगा, जबकि गुटों की बात सामने आने के चलते एक पद पर 3 उम्मीदवार खड़े होने की बात सामने आ रही है तो बहुमत 6/5 ही रह जाएगा। इससे भाजपा के प्रत्याशी के जीतने के आसार भी बन रहे हैं।

कांग्रेस में क्रॉस वोटिंग के बने आसार
 इन चुनावों में भाजपा की तरफ से मात्र एक ही पार्षद की क्रॉस वोटिंग हो सकती है, जबकि कांग्रेस में इस प्रकार की स्थिति उत्पन्न होती है तो यह आंकड़ा बढ़ जाएगा। भाजपा इस चुनाव में जिला परिषद उपाध्यक्ष चुनाव में मिली हार के बाद रणनीति बनाएगी ताकि दोबारा उस समय जैसी स्थिति पैदा न हो।

मेयर व डिप्टी मेयर का अढ़ाई-अढ़ाई वर्ष का था कार्यकाल
नगर निगम धर्मशाला की स्थापना के समय प्रदेश सरकार द्वारा मेयर व डिप्टी मेयर का कार्यकाल अढ़ाई-अढ़ाई वर्ष रखा गया था। निगम के बनने के समय मेयर की सीट अढ़ाई साल के लिए एस.सी. वर्ग के लिए आरक्षित की थी जबकि अगले अढ़ाई साल एस.टी. वर्ग का मेयर बनना तय था। इन चुनावों में अब यह रोचक मोड़ आ गया है कि अगले अढ़ाई वर्ष के लिए जो एस.टी. वर्ग से मेयर की जो आरक्षित सीट मानी जा रही थी वो कुल जनसंख्या से कम होने के चलते अब यह मेयर की सीट सभी के लिए ओपन हो गई है। 

मौजूदा मेयर भी जता सकती हैं दावेदारी
नगर निगम धर्मशाला के चुनावों में समीकरण बदलने के चलते अब मौजूदा मेयर के भी चुनाव लड़ने का मौका मिल गया है। सीट ओपन होने के चलते यदि वर्तमान मेयर रजनी व्यास अपनी दावेदारी पेश करती है तो कांग्रेस समर्थित पार्षदों के सर्वसम्मित से उन्हें दोबारा सरदारी मिल सकती है। 

यह कहना है भाजपा का
भाजपा की तरफ से नगर निगम के मेयर व डिप्टी मेयर चुनावों में जीत दर्ज करने के लिए यह तर्क दिया जा रहा है कि कांग्रेस के मौजूदा पार्षद मेयर व डिप्टी मेयर के लिए सामने आ रहे उम्मीदवारों से असंतुष्ट नजर आ रहे हैं। इसका फायदा भाजपा लेने की बात कर रही है। भाजपा का कहना है कि जो नाम मेयर व डिप्टी मेयर के लिए सामने आ रहा है उससे काफी पार्षद नाखुश हैं। भाजपा का कहना है कि आने वाले निगम के मेयर व डिप्टी मेयर के लिए ऐसा व्यक्ति खड़ा करना चाह रहे हैं जो अच्छा कार्य करे और रुके विकास कार्यों को फिर से शुरू करे।

क्या कहना है कांग्रेस का
धर्मशाला नगर निगम का नया मेयर व डिप्टी मेयर के लिए किसका नाम आगे आता है यह पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा के दिल्ली से वापिस आने केबाद तय होगा। फिलहाल सुधीर शर्मा दिल्ली में पार्टी के कार्यों के चलते व्यस्त हैं तथा इस माह के अंत तक नगर निगम के कांग्रेस समर्थित पार्षदों के साथ सुधीर शर्मा मीटिंग कर सकते हैं। इसके बाद ही मेयर व डिप्टी मेयर के लिए नाम सामने आएंगे।


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Jinesh Kumar

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