मरीज परेशान, प्राइवेट स्टोरों से 2,500 रुपए में हैपेटाइटिस-सी के मरीज दवा खरीदने को मजबूर

punjabkesari.in Saturday, Sep 22, 2018 - 12:45 PM (IST)

अमृतसर(दलजीत): हैपेटाइटिस-सी के मरीज दवा न मिलने के कारण मौत के शिकार हो रहे हैं। गुरु नानक देव अस्पताल (जी.एन.डी.एच.) में हैपेटाइटिस-सी की दवा खत्म हो गई है। अस्पताल में मुफ्त में मिलने वाली उक्त दवा मरीजों को सरकारी तंत्र की लापरवाही के कारण प्राइवेट मैडीकल स्टोरों से 2,500 रुपए में खरीदनी पड़ रही है।

जानकारी के अनुसार पंजाब सरकार द्वारा मुख्यमंत्री राहत योजना के अंतर्गत हैपेटाइटिस-सी का इलाज मुफ्त किए जाने का दावा किया जा रहा है। सरकार द्वारा इस संबंधी 3 और 6 माह के अलग-अलग 2 कोर्स मरीजों की हैपेटाइटिस-सी बीमारी के साथ संबंधी निर्धारित किए गए हैं। मरीजों की सुविधा के लिए 3 माह के कोर्स में 1 लाख 40 हजार रुपए तक, जबकि 6 माह के कोर्स में 2 लाख 80 हजार रुपए की दवा मुफ्त में दी जा रही है। 


बुरे प्रबंधों के कारण हमेशा सरकारी स्कीमें तोड़ देती हैं दम
गुरु नानक देव अस्पताल की बात करें तो हैपेटाइटिस-सी के इलाज के लिए अति महत्वपूर्ण समझी जाने वाली रीबावरेन नामक दवा खत्म हो गई है। सरकारी तौर पर मुफ्त में मिलने वाली उक्त दवा मरीजों को 2,500 रुपए खर्च कर प्राइवेट मैडीकल स्टोरों से लेनी पड़ रही है। उक्त बीमारी से संबंधित गरीब मरीज दवा महंगी होने के कारण खा ही नहीं रहे हैं। ऐसे में बीमारी गंभीर होने के कारण वह धीरे-धीरे मौत के मुंह में जा रहे हैं।

हैपेटाइटिस-सी के कई मरीजों ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पहले सभी दवाएं अस्पताल से मुफ्त मिलती थीं लेकिन अब रीबावरेन दवा उनको नहीं मिल रही है। वह अब उक्त दवा को छोड़ कर मुफ्त में मिलने वाली दवाएं खाकर ही काम चला रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि रीबावरेन दवा की सप्लाई पीछे से ही नहीं आ रही है, जिस कारण गुरु नानक देव अस्पताल में दवा मौजूद नहीं है। सरकार द्वारा सरकारी स्कीमें शुरू करते हुए मरीजों की भलाई संबंधी दावे तो बहुत किए जाते हैं परन्तु बुरे प्रबंधों कारण हमेशा ही सरकारी स्कीमें बीच में ही दम तोड़ देती हैं। 


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