यूथ पावर का ‘चस्का’ लगाएगा ‘दादागिरी का तड़का’

punjabkesari.in Saturday, Sep 22, 2018 - 11:33 AM (IST)

पानीपत(खर्ब): करीब 22 साल बाद प्रदेश में छात्र संघ के चुनाव के वायदे से सरकार पीछे हटती दिखाई दे रही है। सरकार ने सितम्बर-अक्तूबर में कॉलेजों व विश्वविद्यालय में चुनाव करवाने का वायदा किया था लेकिन अभी तक अधिसूचना की जारी नहीं हुई है। ऐसे में प्रत्यक्ष चुनाव करवाने की योजना सरकार की दिखाई नहीं दे रही। प्रदेश में नगर निगम के चुनाव भी होने हैं ऐसे में सीधे चुनाव में कहीं कानून व्यवस्था खराब न हो जाए इससे संभवत: सरकार डर रही है। 

यदि ऐसा नहीं है तो फिर भाजपा से संबंधित छात्र संगठन ए.बी.वी.पी., कांग्रेस के संगठन एन.एस.यू.आई.व इनसो के आंदोलन के बाद भी सरकार छात्र संघ के चुनाव क्यों नहीं करवा रही है। प्रत्यक्ष चुनाव में सभी छात्रों को अपनी पसंद का प्रधान, उप प्रधान व अन्य पदाधिकारी चुनने का अधिकार होता है जबकि अप्रत्यक्ष चुनाव में एक कक्षा से 2-4 प्रतिनिधि चुने जाएंगे वहीं आगे प्रधान व अन्य पदों के छात्र नेता का चुनाव करेंगे। 

ऐसे में इस प्रक्रिया में सरकारी व कॉलेज के दखल की संभावना रहती है। ऐसे में सरकार अप्रत्यक्ष चुनाव करवाना चाहती है जबकि सभी छात्र यूनियनें प्रत्यक्ष चुनाव की मांग कर रही हैं। भाजपा का यह चुनावी वायदा भी है जिसे पूरा करने का सरकार पर दबाव भी है। वैसे जिन युवाओं को मतदान कर नेता चुनने का अधिकार है तो उन्हें नेता बनने का हक भी है इसलिए आने वाले दिनों में छात्र राजनीति में दादागिरी के समाचार भी सुनने को मिल सकते हैं। 

‘पंडित जी ’ के राज में ही  ‘ऑन-ऑफ हुआ छात्र राजनीति का बटन
प्रदेश में करीब 22 साल पहले हविपा-भाजपा गठबंधन की सरकार के शासनकाल में छात्र संघ के चुनाव में हिंसा व हत्या आदि  कारणों से रोक लगा दी थी। उस समय सरकार में भाजपा कोटे से पंडित रामबिलास शर्मा ही शिक्षा मंत्री थे। अब 22 साल बाद छात्र संघ के चुनाव करवाने की बात की जा रही है तो इस समय भी भाजपा की सरकार में रामबिलास शर्मा ही शिक्षा मंत्री हैं। सरकार चुनाव तो करवा रही है लेकिन प्रत्यक्ष चुनाव करवाने से कतरा रही है। 
 
 


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Rakhi Yadav

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