भारतीय मध्य वर्ग को और धनवान बनाएगा वर्ल्ड बैंक

punjabkesari.in Saturday, Sep 22, 2018 - 11:10 AM (IST)

वॉशिंगटनः विश्व बैंक ने भारत के लिए एक महत्वाकांक्षी 5 वर्षीय ‘स्थानीय भागीदारी व्यवस्था’ (सी.पी.एफ.) को मंजूरी दी। इसके तहत भारत को 25 से 30 अरब डॉलर की वित्तीय सहायता मिलने की उम्मीद है ताकि देश को निम्न-मध्य आय वाले देशों की श्रेणी से उच्च-मध्यम आय वाले देशों की श्रेणी में पहुंचने में मदद मिल सके यानी कि भारत बुनियादी विकास की प्राथमिक समस्याओं को दूर कर सकेगा।

विश्व बैंक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस घोषणा के एक दिन बाद इस भागीदारी व्यवस्था को मंजूरी दी है कि भारतीय अर्थव्यवस्था 5-7 सालों में 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था हो जाएगी। उसका मानना है कि सी.पी.एफ. योजना से भारत को अपने समावेशी और स्वस्थ आर्थिक वृद्धि के लक्ष्यों को हासिल करने में मदद मिलेगी। विश्व बैंक के निदेशक मंडल ने भारत के एक उच्च-मध्य आय देश बनने के लक्ष्यों का समर्थन किया है। 

इस भागीदारी व्यवस्था तहत भारत को अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण एवं विकास बैंक (आई.बी.आर.डी.), अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम (आई.एफ.सी.) और बहुपक्षीय निवेश गारंटी एजैंसी (एम.आई.जी.ए.) से 5 साल में 25 से 30 अरब डॉलर की वित्तीय सहायता आने की उम्मीद जताई गई है। विश्व बैंक के उपाध्यक्ष एवं दक्षिण एशिया मामलों के प्रभारी हार्टविंग श्काफर ने कहा, ‘‘तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था, वैश्विक कद और पिछले दशकों में सबसे ज्यादा संख्या में लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर उठाने के अपने विशेष अनुभव के चलते भारत 2030 तक एक उच्च-मध्य आय वाला देश बनने की अच्छी स्थिति में है।’’ 

योजना भारत बारे बैंक की प्रतिबद्धता का सबूत 
विश्व बैंक के भारत के निदेशक जुनैद अहमद ने एक साक्षात्कार दौरान कहा, ‘‘यह एक 5 वर्षीय योजना है जो भारत बारे बैंक की प्रतिबद्धता का सबूत है। यह व्यवस्था इस बात से जुड़ी है कि हम क्या करेंगे, कैसे करेंगे और इसका वित्तीय स्तर क्या होगा। यह इस तरह पहली सांझेदारी व्यवस्था है जो भारत के साथ बनाई गई है।’’

देश की समस्याओं की होगी पहचान
अहमद ने कहा कि सी.पी.एफ. में प्रक्रियाबद्ध तरीके से देश की समस्याओं की पहचान की जाएगी जो देश बारे एक प्रस्तावना पेश करेगा। अहमद ने कहा कि बैंक पिछले कई दशकों में भारत द्वारा की गई आर्थिक प्रगति और विकास को मान्यता देता है। उन्होंने कहा कि बैंक जानता है कि भारत एक कम आय वाले देश से कम-मध्य आय वाले देश के रूप में पहुंचा है और देश अब कम-मध्य आय वाले देश से उच्च-मध्य आय वाले आर्थिक बदलाव में प्रवेश कर रहा है। यह सी.पी.एफ. इस लक्ष्य में बैंक की सहायता बारे बताता है। 


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jyoti choudhary

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