कोटकपूरा से बरगाड़ी तक काले झंडे लेकर ‘इंसाफ मार्च’ 7 को

punjabkesari.in Friday, Sep 21, 2018 - 11:24 PM (IST)

चंडीगढ़ (रमनजीत): जस्टिस रणजीत सिंह आयोग की रिपोर्ट पर विधानसभा में बड़े-बड़े दावे करने वाली कैप्टन सरकार असलियत में कुछ करती दिखाई नहीं दे रही है। आयोग ने जिन लोगों को आरोपी बताया है, उन्हें सरकार बचने का रास्ता दे रही है ताकि वह अदालतों में जाकर बचाव कर सकें।

इसके खिलाफ पंजाब के लोग एकजुट होकर सरकार को मजबूर करेंगे कि राजनीतिक रोटियां सेंकने की बजाय कार्रवाई की जाए। सरकार का रवैया ऐसा ही ढुल-मुल रहता है तो सर्वपार्टी बैठक में पारित प्रस्ताव मुताबिक 7 अक्तूबर को कोटकपूरा के चौक पर रोष प्रदर्शन करेंगे। वहां से बहिबलकलां गोलीकांड में शहीद युवाओं के गांवों के रास्ते बरगाड़ी तक ‘इंसाफ मार्च’ निकाला जाएगा। यह बात आम आदमी पार्टी के विधायक सुखपाल खैहरा और कंवर संधू ने किसान भवन में सर्वपार्टी बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में कही। उन्होंने बताया कि बैठक में 7 प्रस्ताव पारित किए गए हैं, जिनमें से 4 सांसद धर्मवीर गांधी और 2 प्रस्ताव सिमरजीत सिंह बैंस के हैं। एक प्रस्ताव यह भी पारित किया गया कि आगामी कार्यक्रम के लिए 11 सदस्यीय एक्शन कमेटी का चयन किया जाएगा ताकि इंसाफ की लड़ाई को तालमेल के साथ बढ़ाया जा सके। बैठक का मुख्य मुद्दा बहिबल कलां और कोटकपूरा गोलीकांड के मुलजिमों और बेअदबी के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करवाना था।

सुखपाल खैहरा, सांसद धर्मवीर गांधी, कंवर संधू, लोक इंसाफ पार्टी के अध्यक्ष सिमरजीत सिंह बैंस ने मांग की कि बेअदबी और गोलीकांड मामलों का जल्द हल किया जाए। उन्होंने कहा कि कैप्टन सरकार लोगों की भावनाओं और हितों को दबा रही है। मीटिंग में प्रस्ताव पास कर मांग की गई कि पूर्व डी.जी.पी. सुमेध सिंह सैनी, पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुखबीर का नाम कोटकपूरा गोलीकांड मामलों की एफ.आई.आर. में दर्ज किया जाए और इन्हें जल्द तफ्तीश के घेरे में लाया जाए। 


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Des raj

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