अकाली दल व ‘आप’ ने चुनावों को लेकर हो-हल्ला मचा नतीजों से पहले ही अपनी हार मानी: अमरेन्द्र

punjabkesari.in Friday, Sep 21, 2018 - 10:31 PM (IST)

जालंधर(धवन): पंजाब के मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह ने जिला परिषद व पंचायत समितियों के चुनावों को लेकर अकाली दल तथा आम आदमी पार्टी द्वारा धांधलियों के लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि नतीजों से पहले ही दोनों पाॢटयों ने अपनी हार मान ली है। 

उन्होंने कहा कि यह स्वाभाविक है कि कल आने वाले चुनावी नतीजे कांग्रेस के पक्ष में जाने के आसार हैं, क्योंकि कांग्रेसी विधायकों ने उन्हें जो रिपोर्टें दी, उसके अनुसार अकाली समर्थकों ने भी कांग्रेस उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान किया है। अकाली समर्थक भी पंजाब सरकार द्वारा छोटे किसानों के 2-2 लाख के कर्जे माफ करने, नशों पर नियंत्रण पाने, गरीबों के लिए कल्याणकारी स्कीमें चलाने तथा कानून व्यवस्था की स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए उठाए गए कदमों से खुश हैं, जबकि पूर्व अकाली सरकार के समय तो माफिया राज ही कार्य करता रहा।  सभी पाॢटयों में यही होता है कि विपक्ष में रहते हुए जब वे चुनाव से पूर्व सरकारों पर दोषारोपण करती हैं तो उन्हें अपनी हार पहले ही दिखाई दे जाती है। 

कांग्रेस ने जिला परिषद व पंचायत समितियों के चुनाव पार्टी चुनाव चिन्ह पर लड़े परन्तु पंचायती चुनाव कांग्रेस अपने पार्टी चुनाव चिन्ह पर नहीं लड़ेगी, क्योंकि वे छोटे चुनाव होते हैं। अकाली दल की राज्य में अब दाल गलने वाली नहीं है, क्योंकि 10 वर्षों का माफिया राज व गुंडागर्दी जनता अभी भूली नहीं है। राज्य में ड्रग्स पर नियंत्रण पाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे पाकिस्तान ङ्क्षचतित व विचलित हो चुका है, क्योंकि पाकिस्तान की कोशिश है कि पंजाबियों के नौजवानों को बुरी तरह से नशे का आदी बना दिया जाए, जबकि पंजाब सरकार पाकिस्तान के इरादों को कामयाब नहीं होने देगी। 

नशों के खिलाफ चल रही लड़ाई में केन्द्र सरकार व पड़ोसी राज्यों को भी अपना योगदान डालना है। राज्य में धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी की घटनाओं की जांच जस्टिस रंजीत सिंह आयोग ने की है, जिसकी रिपोर्ट विधानसभा में रखी जा चुकी है। अब वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के नेतृत्व में विशेष जांच दल (एस.आई.टी.) बनाया गया है, जो सभी तथ्यों की गहराई से जांच करेगा। 

बहबलकलां तथा कोटकपूरा में हुई पुलिस फायरिंग को लेकर भी विशेष जांच दल गहराई में जाएगा तथा विशेष जांच दल की रिपोर्ट के बाद दोषियों को दंडित किया जाएगा। यह कहना बिल्कुल गलत है कि पूर्व मुख्यमंत्री को बहबलकलां पुलिस गोलीकांड के बारे में पता नहीं था। पूर्व डी.जी.पी. सुमेध सिंह सैनी ने सेवानिवृत्ति से पूर्व एक पत्र जस्टिस रंजीत सिंह को भेजा था जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी गोलीकांड से पहले 22 बार संबंधित क्षेत्र के आई.जी. के साथ बातचीत हुई थी। इसी तरह सैनी ने यह भी कहा था कि वह गोलीकांड से पहले रात को 2 बजे तत्कालीन मुख्यमंत्री बादल से मिले थे। बादल को उनके ओ.एस.डी. व एक विधायक भी मिलता रहा। संबंधित जिले के डिप्टी कमिश्रर ने बादल से कहा था कि पुलिस फायरिंग की जरूरत नहीं है। 

कैप्टन ने एस.एस.पी. ढेसी को दी क्लीन चिट, नहीं होगा तबादला 
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने जिला परिषद चुनावों को लेकर मुक्तसर के एस.एस.पी. मंजीत सिंह ढेसी को क्लीन चिट देते हुए कहा है कि वह कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए कार्य कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अकाली नेतृत्व शर्मनाक ढंग से पुलिस अधिकारी पर निशाना साध रहा है। इससे पता चलता है कि अकाली दल का प्रशासन व पुलिस अधिकारियों के प्रति कोई सम्मान नहीं है। मुख्यमंत्री ने एस.एस.पी. ढेसी के तबादले की मांग को पूरी तरह से रद्द कर दिया। उन्होंने जिला परिषद चुनावों को लेकर सुखबीर बादल की वायरल हुई वीडियो पर टिप्पणी करते हुए कहा कि इससे पता चलता है कि किस तरह से सुखबीर गुंडा तत्वों की मदद से चुनाव जीतना चाहते थे। पुलिस कर्मचारियों को उन्होंने धमकाया परन्तु पुलिस ने शानदार कार्य किया। 


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Vaneet

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