मेदांता हॉस्पिटल का अत्याचार: इंसाफ मांगते हुए स्वास्थ्य मंत्री के सामने रो पड़ा परिवार(VIDEO)

punjabkesari.in Saturday, Sep 22, 2018 - 11:48 AM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): अक्सर बड़े अस्पतालों पर इलाज के नाम पर पैसे वसूलने और लापरवाही करने के आरोप सामने आते रहे हैं। हरियाणा के बड़े अस्पतालों में शुमार मेदांता अस्पताल पर एक बार फिर लापरवाही के आरोप लगे हैं। इस मामले में परिवार इतना परेशान है कि उन्होंने अपने मरीज के लिए स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से से इच्छा मृत्यु की मांग कर डाली। पीड़ित परिवार हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री से मिला। स्वास्थ्य मंत्री से परिवार के लोगों ने शिकायत की है। परिवार का आरोप है कि पिछले 50 दिनों से उनका मरीज एडमिट है और अस्पताल प्रबंधन उन्हें उनकी हालत के बारे में जानकारी नहीं दे रहा है।

परिवार के अनुसार, दबाव देने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने अब बताया है कि मरीज कोमा में है, जबकि पीठ बुरी तरह से गल चुकी है। इस मामले को देखते हुए हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के आला धिकारी को जांच सौंपते हुए 3 दिनों में रिपोर्ट मांगी है।

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हार्ट सर्जरी के लिए लिए थे 6 लाख रुपए
दरअसल, दिल्ली के रहने वाले परवीन सैनी के ससुर चंदरभान सैनी की तबीयत 2 अगस्त को अचानक बिगड़ गई थी। परवीन सैनी अपने ससुर को गुरुग्राम के मेदांता में ले आए। मेदांता ने हार्ट सर्जरी करने की बात कहकर 6 लाख रुपए लिए। अस्पताल प्रबंधन ने ऑपरेशन के बाद चार से पांच दिनों में छुट्टी करने की बात कही थी।

अस्पताल पैसों के चक्कर में बनाता रहा बहाना
परवीन ने बताया कि इसके बाद लगातार 25 दिनों तक अस्पताल प्रबंधन आज-कल कहता रहा। लगातार अस्पताल की तरफ से बहाने बनाए गए। उनके ससुर करीब 50 दिनों से अस्पताल में भर्ती हैं। जब परिवार ने दबाव बनाया तो अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि चंदरभान के दिमाग में खून चला गया है, जिसके चलते वो कोमा में चले गए हैं। परवीन ने बताया कि उनके ससुर की पीठ भी पूरी तरह से गल चुकी है।

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परवीन ने बताया कि अस्पताल ने उनसे 11 लाख रुपए ले लिए। जब उन्हें पीठ गल जाने के बारे में पता चला तो उन्होंने पैसे जमा करवाने बंद कर दिए। अस्पताल प्रबंधन अब उन पर अपने मरीज को ले जाने का दबाव बना रहा है। आज परवीन शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से मिले। उन्होंने अपनी शिकायत रखी और जांच की मांग की। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री से मांग की थी कि उनके मरीज को इच्छा मृत्यु दे दी जाए। इस दौरान वे स्वास्थ्य मंत्री के सामने रो पड़े थे।

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स्वास्थ्य मंत्री ने उच्च स्तरीय जांच के दिए आदेश
वहीं, स्वाथ्य मंत्री अनिल विज ने बताया कि मेदांता में 50 दिन से एडमिट होने की शिकायत दी है। विज ने कहा कि परिवार ने कहा है कि मरीज की हालत के बारे में कोई जानकारी नहीं दी जा रही है, जबकि काफी पैसे जमा करवाने के लिए कहा जा रहा है। शिकायत मिलने के बाद उन्होंने उच्चाधिकारियों को जांच के आदेश दिए हैं और तीन दिनों में रिपोर्ट देने के लिए कहा है।

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Shivam

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