दक्षिण भारत हिन्दी सभा के सौ साल पूरे, राष्ट्रपति करेंगे शतमानोत्सव का उद्घाटन

punjabkesari.in Friday, Sep 21, 2018 - 01:00 PM (IST)

नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद महात्मा गांधी द्वारा स्थापित ‘‘दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा, मद्रास’’ के सौ साल पूरा हो गए हैं।  शतमानोत्सव का शनिवार को उद्घाटन करेंगे।  

 एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई कि राष्ट्रपति शनिवार को राजधानी के विज्ञान भवन में कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे।      इसमें कहा गया है कि उद्घाटन समारोह में सात सौ से अधिक प्रचारक, कार्यकर्ता और हिन्दी के विद्वान शामिल होंगे। इसके साथ ही ‘‘दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा, का इतिहास 1918-2018’’ पुस्तक की पहली प्रति राष्ट्रपति को भेंट की जाएगी। सभा के अध्यक्ष न्यायमूॢत शिवराज वी पाटिल स्वागत भाषण देंगे और उपाध्यक्ष एच हनुमंतप्पा धन्यवाद ज्ञापन करेंगे।      

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विज्ञप्ति में जानकारी के अनुसार महात्मा गांधी ने 1918 में ‘‘दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा, मद्रास’’ की स्थापना की थी। महात्मा गांधी चाहते थे कि अंग्रेजी को छोड़कर एक भारतीय भाषा देश की संपर्क भाषा बने। दक्षिण भारत में हिन्दी का प्रयोग नहीं था। इसलिए सभा की भूमिका थी कि वह दक्षिण भारत के लोगों को हिन्दी सीखने का अवसर प्रदान करे।      


इसमें कहा गया है कि शुरूआती समय सभा के लिए आसान नहीं था और छात्रों की संख्या काफी कम थी। लेकिन अब यह संख्या विशाल हो गई है और हर साल करीब 10 लाख छात्र सभा द्वारा आयोजित विभिन्न परीक्षाओं में भाग लेते हैं। सभा देश की प्रमुख संस्था बन गयी है जो हिन्दी के माध्यम से एमए, एमफिल, पीएचडी, स्नातकोत्तर डिप्लोमा, पत्रकारिता की शिक्षा की सुविधा प्रदान कर रही है। सभा दक्षिण भारत में बड़ी संख्या में हिन्दी शिक्षक तैयार करने में भी योगदान दे रही है।      उल्लेखनीय है कि सभा के योगदान को देखते हुए संसद ने विशेष कानून, 1964 बनाकर इसे राष्ट्रीय महत्व की संस्था का दर्जा प्रदान किया। इस कानून के तहत सभा अन्य विश्वविद्यालय की तरह हिन्दी की उच्च उपाधियां प्रदान कर सकती है।
 


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pooja

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