रि. जस्टिस रणजीत सिंह कमीशन रिपोर्ट को चुनौती देने वाले तीनों रि. पुलिसकर्मियों को राहत जारी

punjabkesari.in Thursday, Sep 20, 2018 - 11:31 PM (IST)

चंडीगढ़ (बृजेन्द्र): बेअदबी मामलों को लेकर कैप्टन सरकार द्वारा गठित रिटायर्ड जस्टिस रणजीत सिंह कमीशन की रिपोर्ट के आधार पर 2 रिटायर्ड एस.एस.पीस चरणजीत सिंह, रघबीर सिंह व थाना बाजाखाना के रिटायर्ड एस.एच.ओ. अमरजीत सिंह पर शुरू की गई कार्रवाई पर लगाई रोक 11 अक्तूबर तक जारी रहेगी। वीरवार को हाईकोर्ट में केस की सुनवाई हुई। इस दौरान पंजाब सरकार ने इन अफसरों पर कार्रवाई को लेकर लगाई रोक हटाने की मांग की।

सरकार द्वारा मुख्य रूप से कहा गया कि जस्टिस रणजीत सिंह कमीशन जस्टिस जोरा सिंह कमीशन का सबसिच्यूट नहीं है बल्कि अलग कमीशन है। वहीं एक्ट के तहत सैक्शन-8बी की पालना की गई थी और पुलिसकर्मियों को अपना पक्ष रखने का वक्त दिया गया था। पहला कमीशन अपनी रिपोर्ट पेश करने के साथ अपने आप ही खत्म हो गया था। याची पक्ष के वकील संत पाल सिंह सिद्धू ने कहा कि वह सरकार के जवाब पर अपना जवाब देंगे। इस मुख्य केस में 11 अक्तूबर को सुनवाई होगी।

मृतक के परिजनों की मांग, कार्रवाई न रोकी जाए
इसके अलावा फायरिंग में मारे गए कृष्ण भगवान सिंह के परिजनों ने भी मामले में पार्टी बनने के लिए अर्जी दायर की। कहा गया है कि याची पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई न रोकी जाए जिनका नाम दोनों कमिशन्स की रिपोर्ट में था। उन्हें पार्टी बनाए जाने का याची पक्ष ने विरोध किया और कहा कि उन्होंने कमीशन की रिपोर्ट को तकनीकी आधारों पर चुनौती दे रखी है और मृतक के परिवार का इस मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं बनता। हालांकि हाईकोर्ट ने दायर अर्जी पर याची पक्ष व पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया है जिसे लेकर औपचारिक जवाब 8 अक्तूबर को दायर होगा। इसके बाद ही हाईकोर्ट तय करेगा कि कृष्ण भगवान के परिवार को पार्टी बनाया जाए या नहीं। वहीं मामले में पार्टी बनने की इच्छुक यूनाइटिड सिख मूवमैंट की अर्जी को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। 

श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी व बहबल कलां गोली कांड के लिए पूर्व बादल सरकार जिम्मेदार : सरना
लुधियाना (कंवलजीत): दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष और शिरोमणि अकाली दल दिल्ली के अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना ने गुज्जरखान कैंपस में आयोजित पत्रकार सम्मेलन में कहा कि पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को चाहिए कि वह सिख कौम का दामन छोड़ कर अपने घर बैठ जाएं। उन्होंने कहा कि प्रकाश सिंह बादल 1982 से पंजाब की सियासत में हैं परंतु उन्होंने सिख पंथ की भलाई के लिए एक भी कार्य नहीं किया। उन्होंने अकाली दल बादल द्वारा की रैलियों को फ्लॉप शो बताते हुए कहा कि उसमें भाड़े के लोग और डेरा प्रेमी उपस्थित है। उन्होंने पंजाब में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी और बहबल कलां गोली कांड के लिए पूर्व बादल सरकार जिम्मेदार बताते हुए कहा कि उस समय सरकार बादल की थी, इसलिए प्रकाश सिंह बादल सीधे तौर पर इस कांड के जिम्मेदार हैं। बेअदबी मामले पर विधान सभा से बायकॉट करना साबित करता है कि वह इसके लिए दोषी हैं।उन्होंने करतारपुर गुरुद्वारा साहिब के रास्ते की बात करते हुए कहा कि वह पिछले 14 साल से इस रास्ते के लिए प्रयत्नशील हैं। इस मौके पर उनके साथ जत्थेदार जसविन्द्र सिंह बलिएवाल, डा. अमरजीत सिंह दुआ, हरदियाल सिंह अमन, बलजीत सिंह बल्ली उपस्थित थे। 


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Des raj

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