CAG रिपोर्ट में खुलासा, गुजरात के 8 जिलों में नहीं 30 फीसदी शौचालय

punjabkesari.in Thursday, Sep 20, 2018 - 07:38 PM (IST)

गांधीनगरः नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने कहा कि गुजरात को ‘खुले में शौच मुक्त’ घोषित करने का सरकार का दावा गलत प्रतीत होता है, क्योंकि कई ग्रामीणों के घरों में अब भी शौचालय नहीं बने हैं। राज्य विधानसभा में बुधवार को पेश की गई कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि आठ जिलों में किए गए सर्वेक्षण में करीब 30 फीसदी घरों में शौचालय नहीं पाए गए।

PunjabKesari

केंद्र सरकार ने इस साल फरवरी में लोकसभा को सूचित किया था कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत गुजरात समेत 11 राज्यों को खुले में शौच मुक्त घोषित किया गया है। कैग की रिपोर्ट में कहा गया है, "राज्य सरकार ने दो अक्टूबर 2017 तक गुजरात के सभी जिलों को खुले में शौच मुक्त घोषित कर दिया। हालांकि, 2014-17 की अवधि के दौरान आठ जिला पंचायतों के तहत 120 ग्राम पंचायतों की जांच में खुलासा हुआ कि 29 फीसदी घरों में अब भी शौचालय नहीं हैं।"

PunjabKesari

इसमें कहा गया है, "राज्य सरकार का यह दावा सही नहीं दिखाई देता कि गुजरात के सभी जिले खुले में शौच से मुक्त हो गए हैं।" यह सर्वेक्षण दाहोद, बनासकांठा, छोटा उदयपुर, डांग, पाटण, वलसाड़, जामनगर और जूनागढ़ में किया गया। कैग ने कहा कि लोग अब भी विभिन्न कारणों से शौचालयों का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं।

PunjabKesari

रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन 120 गांवों की जांच की गई, उनमें से 41 में स्वच्छ भारत अभियान के तहत बनाए गए शौचालयों का इस्तेमाल नहीं किया जा सका, क्योंकि वहां पानी की व्यवस्था नहीं थी। इसमें कहा गया है कि 15 गांवों में पानी उपलब्ध नहीं होने के कारण और निकासी की व्यवस्था नहीं होने के कारण शौचालयों का इस्तेमाल नहीं किया गया या उनका निर्माण अधूरा था। आदिवासी बहुल वलसाड़ जिले की कपराड़ा तहसील में 17,400 से अधिक शौचालयों का इस्तेमाल ही नहीं किया गया।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Yaspal

Recommended News

Related News