प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों को नसीब नहीं किताबें, कैसे पढ़ेगा इंडिया कैसे बढ़ेगा इंडिया

punjabkesari.in Friday, Sep 21, 2018 - 01:39 PM (IST)

फर्रुखाबादः प्रदेश सरकार शिक्षा विभाग को दुरुस्त करने के दावे करती है। वहीं, शिक्षा विभाग के अधिकारी भी कागजों में सब ठीक होने का दावा करते हैं, लेकिन धरातल पर सब कुछ अलग है। मामला फर्रुखाबाद का है, जहां प्राथमिक विद्यालयों में अभी तक सरकारी किताबें नहीं पहुंचाई गई हैं। इतना ही नहीं, जिले के तमाम स्कूल बिना किताबों के ही चल रहे हैं। ऐसे में, किताबों के बिना बच्चे कैसे पढ़ेंगे और कैसे बढ़ेंगे।
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केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार को योजना के ठेकेदार से लेकर शिक्षा अधिकारी तक चूना लगा रहे हैं। अभी किताबों की खेप पहुंची है, उसका कब तक वितरण स्कूलों में कराया जाएगा, ये किसी को नहीं पता। शिक्षक भी किताबों के अनुसार ही बच्चों का कोर्स पूरा कराते हैं, लेकिन जब किताबें ही नहीं होंगी तो पढ़ाई कहां से होगी।

वहीं, 2014,15,16,17 की किताबें फतेहगढ़ नरेंद्र सरीन प्राथमिक विद्यालय में भरी हुई हैं। उनका समय रहते वितरण नहीं किया गया और वो आज रद्दी बन चुकी हैं। बेसिक शिक्षा विभाग रामभरोसे चल रहा है। चाहे  किसी भी कार्य का ठेका दिया जाता हो, सभी में कमीशनखोरी के चलते मामले लटके रहते हैं। उन्हें अपने फायदे की चिंता है, परिषद के विद्यालयों में पढ़ने वाले गरीब बच्चों की चिंता नहीं है। इसी वजह से कॉन्वेंट स्कूल में लोगों ने बच्चों को पढ़़ाना शुरू कर दिया, जिससे ग्रामीण क्षेत्र से परिषद के विद्यालयों में बच्चों की संख्या दिन-प्रतिदिन कम होती जा रही है।

इतना ही नहीं, अधिकारी जांच के नाम पर मामले को दबा देते हैं। कार्यशैली में कोई सुधार की कोई कोशिश नहीं की जाती। किताबें कमरों में पड़ी-पड़ी सड़ने लगती हैं, लेकिन बच्चों के हाथों में नहीं पहुंच पाती हैं।


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Tamanna Bhardwaj

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