पूर्व बसपा विधायक योगेश वर्मा पर लगा ‘रासुका’ हटाया, HC ने दिया रिहाई का आदेश

punjabkesari.in Thursday, Sep 20, 2018 - 06:07 PM (IST)

इलाहाबाद: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मेरठ के जिलाधिकारी के उस आदेश को दरकिनार कर दिया जिसके जरिए मेरठ से बसपा विधायक रहे योगेश वर्मा पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाया गया था। इलाहाबाद होईकोर्ट ने बसपा पूर्व विधायक योगेश वर्मा से रासुका हटाने और रिहा करने का आदेश दिया है। योगेश वर्मा पर आरोप था कि एससी/एसटी कानून में कुछ निश्चित सुरक्षा उपाय उपलब्ध कराते हुए उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्णय दिए जाने के बाद कुछ दलित समूहों द्वारा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आंदोलन के दौरान वर्मा ने शांति व्यवस्था भंग की।

योगेश की रिट याचिका स्वीकार करते हुए न्यायमूर्ति बालकृष्ण नारायण और न्यायमूर्ति आरएन कक्कड़ की खंडपीठ ने निर्देश दिया कि यदि वर्मा किसी अन्य मामले में वांछित नहीं हैं तो उन्हें तत्काल प्रभाव से रिहा किया जाए। इससे पूर्व 20 मार्च, 2018 को उच्चतम न्यायालय ने लोक सेवकों और निजी व्यक्तियों को अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (उत्पीडऩ रोधक) कानून के तहत तत्काल गिरफ्तारी से बचने के लिए कुछ दिशानिर्देश जारी किए थे।

इस निर्णय से आक्रोशित विभिन्न दलित समूहों ने अप्रैल, 2018 में भारत बंद का आयोजन किया था जिसमें व्यापक स्तर पर हिंसा हुई थी और यह हिंसा विशेषकर सहारनपुर, मेरठ और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में हुई थी। इसके बाद, 8 मई, 2018 को मेरठ के जिलाधिकारी ने मेरठ से बसपा के पूर्व विधायक योगेश वर्मा पर रासुका लगाते हुए उन्हें हिरासत में लेने का आदेश पारित किया। वर्मा ने इस आदेश को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी।


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