Kundli Tv- भगवान शिव के पसीने से बनी है ये नदी

punjabkesari.in Thursday, Sep 20, 2018 - 02:56 PM (IST)

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भीमाशंकर महाराष्ट्र राज्य में कर्जत के पास स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक केन्द्र है। हिंदुओं के पूज्य बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक भीमाशंकर के नाम से यह स्थान विशेष रूप से प्रसिद्ध है। इन बारह ज्योतिर्लिंगों में से 5 महाराष्ट्र में स्थित हैं। 3,250 फुट की ऊंचाई पर स्थित यह मंदिर पुणे शहर के पास लगभग 50 किलोमीटर दूर स्थित खेड़ के उत्तर-दक्षिण में शिरधाव गांव में सह्याद्री पर्वत श्रेणी के घाट क्षेत्र में स्थित है। भीमाशंकर भीमा नदी का मूल बिन्दु भी है जो दक्षिण-पश्चिम की ओर बहती है तथा बाद में कृष्णा नदी से मिल जाती है।
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ऐसा कहा जाता है कि देवों के अनुरोध पर भगवान शिव ने भीमा के रूप में पहाड़ियों पर निवास किया था। त्रिपुरासुर राक्षस के साथ घमासान लड़ाई के बाद भगवान शिव ने उसे मार डाला। ऐसा कहा जाता है कि लड़ाई के दौरान जो गर्मी उत्पन्न हुई उसके कारण भीमा नदी सूख गई और भगवान शिव के शरीर से निकले हुए पसीने से फिर से भीमा नदी बनी।

यहां आसपास अन्य कई मंदिर हैं जैसे कमलजा- देवी पार्वती का एक अवतार। इस पवित्र ज्योतिर्लिंग की वास्तुकला नगर शैली की है। यहां अनेक पांडुलिपियां हैं, जो 13वीं शताब्दी की हैं। 
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इस परिसर में एक छोटा-सा शनि मंदिर भी है, जिसके बाजू में बड़ी घंटी है जो वास्तुकला की हेमान्द्पथी शैली को दर्शाती है। मोक्षकुंड तीर्थ भीमाशंकर मंदिर के पीछे स्थित है, जबकि कुशरान्य तीर्थ और सर्वतीर्थ अन्य धार्मिक स्थान हैं।
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वन्य जीव अभ्यारण्य
भीमाशंकर वन्य जीवन अभ्यारण्य 100 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में और भीमाशंकर गांव में 2100 फुट से 3800 फुट की ऊंचाई तक फैला और हरी-भरी सह्यादी श्रेणियों में बसा हुआ तथा सभी ओर से हरियाली से ढंका हुआ है। कुछ विलुप्त होने वाली प्रजातियां इस अभ्यारण्य में पाई जाती हैं जैसे शेकरू और बड़ी हिंदुस्तानी गिलहरी (जाइन्ट इंडियन स्किरल)। हायना (लकड़बग्घा), उडऩे वाली गिलहरी, बार्किंग हिरण, चीता, प्रक्युपाइन (साही) और जंगली सूअर कुछ अन्य प्राणी हैं, जो यहां पाए जाते हैं। मालाबार व्हिसलिंग थ्रश (सीटी बजाने वाली चिडिय़ा), हरा कबूतर, क्वेकर बक, मालाबार ग्रे हार्नबिल और ग्रे जंगल मुर्गी आदि कुछ पक्षी हैं। यहां वनस्पति की एक विशाल विविधता पाई जाती है, जिसमें जादुई जड़ी-बूटियों से लेकर पौधे तथा वृक्ष आते हैं।
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हनुमान लेक
भीमाशंकर में हनुमान झील एक सुंदर पर्यटन स्थल है। यहां पास ही एक जलप्रपात भी है, जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
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मनमोद पहाड़ियां
लगभग एक हजार मीटर की ऊंचाई पर स्थित मनमोद पहाड़ियों में अनेक चट्टानें हैं जिन पर प्राचीन शानदार नक्काशी की गई है और शिलालेख हैं। यह भीमाशंकर क्षेत्र में स्थित है। इनमें से बहुत सी नक्काशी पवित्र ज्योतिर्लिंग से संबंधित है। इसके अलावा अन्य कई शिलालेख जैसे भूतलिंगम और अंबा-अम्बिका ये सभी नक्काशियां पारम्परिक बौद्ध शैली से मिलती-जुलती हैं। नागफनी और गुप्त भीमाशंकर पास के अन्य दर्शनीय स्थल हैं।
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Niyati Bhandari

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